उत्तराखंड में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के आदेश पर उच्च न्यायालय की रोक हटी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नयी दिल्ली, 5 नवंबर : उच्चतम न्यायालय ने लोक सेवाओं में राज्य में अधिवास करने वाली महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के 2006 के आदेश पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक शुक्रवार को हटा ली. न्यायमूर्ति एस ए नज़ीर और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी किया और उत्तराखंड सरकार की याचिका पर जवाब मांगा. राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के 24 अगस्त, 2022 के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था.

उच्च न्यायालय ने राज्य के बाहर से एक दर्जन से अधिक महिला उम्मीदवारों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश पारित किया था, जो अनारक्षित श्रेणी में थीं. याचिका में कहा गया है कि इस साल तीन अप्रैल को हुई प्रारंभिक परीक्षा में राज्य की अधिवासित महिलाओं के लिए निर्धारित कट-ऑफ से अधिक अंक हासिल करने के बावजूद उन्हें राज्य लोक सेवा की मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई. यह भी पढ़ें : वेश्यालय में नाबालिग लड़की ने जबरदस्ती यौन संबंध बनाने की शिकायत की तो ग्राहक को नहीं छोड़ा जा सकता: कर्नाटक उच्च न्यायालय

देहरादून में जारी एक बयान में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "हम राज्य की महिलाओं के हित में माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं." धामी ने सरकार को राज्य की महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए कहा, "हमने महिला आरक्षण को बरकरार रखने के लिए अध्यादेश लाने की भी पूरी तैयारी की थी और इसके साथ ही हमने उच्चतम न्यायालय से भी प्रभावी उपाय करने की अपील की है."