वेबसीरीज ‘हंसमुख’ का प्रसारण रोकने की याचिका पर उच्च न्यायालय ने नेटफ्लिक्स से जवाब मांगा
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नयी दिल्ली, 27 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स और वेबसीरीज ‘हंसमुख’ के निर्माताओं से एक याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें इसका प्रसारण बंद करने का अनुरोध करते हुये दावा किया गया है कि वेबसीरीज में वकीलों की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया गया है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि वेबसीरीज के प्रसारण पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध पर भी आदेश बाद में सुनाया जायेगा।

न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने नेटफ्लिक्स और वेबसीरीज के निर्माताओं एवं निर्देशक से कहा कि वे अपना लिखित बयान दाखिल करें। आवेदन में इसके प्रसारण पर अंतरिम रोक लगाने की मांग है। इस याचिका पर अब सात जुलाई को आगे सुनवाई होगी।

नेटफ्लिक्स के वकील श्रीकृष्ण राजगोपाल ने इस वेबसीरीज के खिलाफ दायर वाद विरोध किया।

यह वाद वकील आशुतोष दुबे ने दायर किया है जिन्होंने वेबसीरीज के निर्माताओं, निर्देशकों और लेखक को ‘‘वकील समुदाय, जिसमे न्यायाधीश भी शामिल हैं जो कभी वकील रह चुके हैं, की छवि खराब करने के लिए बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश देने का अदालत से अनुरोध किया गया है।

उन्होंने दावा किया कि वेबसीरीज के एपिसोड चार में वकीलों को कथित तौर पर चोर, दुर्जन, गुंडा और बलात्कारी के रूप में दिखाया गया है।

उच्चतम न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले दुबे ने कहा है कि ‘‘बयान (सीरीज में) काफी अपमानजनक है और कानून के पेशे को आम आदमी की नजर में बदनाम करने वाला है।’’

इसमें शो ‘हंसमुख’ से और खास तौर पर सीरीज के एपिसोड चार से बयानों और विषय वस्तु को ‘हटाने’ की मांग की गई है।

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