उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से कहा, शराब की दुकानें खोलने की मांग वाली याचिका पर करें सुनवाई
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नागपुर, आठ मई बंबई उच्च न्यायालय ने नागपुर जिला कलेक्टर और महाराष्ट्र सरकार को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वे लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें दोबारा खोलने की मांग वाली दुकान मालिकों की याचिका पर सुनवाई करें और इस पर तत्काल फैसला लें।

उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति आर. बी. देव ने शराब व्यापारियों और शराब की दुकान के मालिकों के संघ की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया, जिसमें उन्होंने नागपुर जिला कलेक्टर के शराब की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी थी।

‘महाराष्ट्र वाइन मर्चेंट एसोसिएशन’ की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि देशभर में शराब की दुकानें खुली हैं जबकि नागपुर में नगर निकाय के आदेश के चलते वे दुकानें खोल नहीं पा रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि केन्द्र द्वारा दो मई को जारी अधिसूचना के तहत संवेदनशील इलाकों के अलावा सभी जगह मोहल्ले की दुकानों और शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति दी गई थी।

उन्होंने कहा कि नागपुर नगर निकाय ने तीन मई को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा था कि मुम्बई महानगर क्षेत्र और पुणे महानगर क्षेत्र के पास स्थित होने की वजह से लॉकडाउन के नियमों में फेरबदल किया गया। इसके तहत चार मई को जिला कलेक्टर और राज्य आबकारी विभाग ने शहर में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी।

याचिकाकर्ता के वकील श्याम देवानी ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि राज्य के आबकारी आयुक्त ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करते हुए शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है।

देवानी ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगते हुए राज्य सरकार और नागपुर जिला कलेक्टर के समक्ष अपना पक्ष रखने की अनुमति मांगी।

अदालत ने उनको अनुमति देते हुए याचिकाकर्ता को एक दिन के भीतर अपना अनुरोध दायर करने का निर्देश दिया और कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा इस पर शीघ्र और 12 मई तक निर्णय लिया जाएगा।

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