नयी दिल्ली, एक अप्रैल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा के बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति देने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका सोमवार को वापस ले ली।
सोरेन ने बजट सत्र में भाग लेने के लिए झारखंड उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी थी। यह बजट सत्र 23 फरवरी को शुरू हुआ और दो मार्च को खत्म हुआ था। उच्च न्यायालय ने 28 फरवरी को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
जब उनकी याचिका सोमवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश की गयी तो सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए क्योंकि बजट सत्र दो मार्च को खत्म हो गया।
सिब्बल ने कहा, ‘‘मैं इस याचिका को वापस लेना चाहता हूं।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि, याचिका में उठाए कानून के प्रश्न पर सुनवाई की जा सकती है।
उच्चतम न्यायालय ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी और कहा कि कानून का प्रश्न सुनवाई के लिए छोड़ दिया गया है।
सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी को धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
रांची में एक विशेष अदालत ने 22 फरवरी को सोरेन को विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को पांच फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दे दी थी।
सोरेन के खिलाफ धन शोधन के आरोप कथित तौर पर अवैध रूप से अचल संपत्ति रखने और भूमि माफिया से कथित संबंध रखने से जुड़े हैं।
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