नयी दिल्ली, पांच जुलाई उच्चतम न्यायालय केरल सरकार और एक अभिनेत्री की याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करेगा जिनमें मलयालम अभिनेता एवं फिल्म निर्माता विजय बाबू को केरल उच्च न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत को चुनौती दी गई है।
मामला अभिनेत्री द्वारा विजय बाबू पर लगाए गए बलात्कार के आरोप से जुड़ा है।
केरल सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता और पीड़िता के वकील रागेंथ बसंत द्वारा मामले का उल्लेख किए जाने के बाद न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने मंगलवार को कहा कि इसे छह जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।
गुप्ता ने कहा कि इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है क्योंकि एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी गई है, जो शुरू में दुबई और फिर जॉर्जिया भाग गया था और वह भारत तभी वापस आया जब उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि अगर आरोपी को गिरफ्तार किया जाना है तो उसे जमानत देनी होगी और 27 जून से तीन जुलाई तक पूछताछ का समय निर्धारित किया है।
पीड़िता की ओर से पेश हुए वकील रागेंथ बसंत ने कहा कि आरोपी ने अपने फेसबुक लाइव पर बलात्कार पीड़िता का नाम पूरी दुनिया के सामने रखा है और उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा है।
उन्होंने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘जब तक वह (आरोपी) बाहर है, मेरे लिए हर दिन खतरा है।’’
इसके बाद पीठ ने दोनों याचिकाओं को बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
उच्च न्यायालय ने 22 जून को विजय बाबू को कुछ शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दे दी थी और कहा था कि यदि जांच अधिकारी, बाबू को गिरफ्तार करना चाहता है तो उन्हें उनके पांच लाख रुपये के बॉन्ड और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा कर दिया जाएगा।
अदालत ने बाबू को 31 मई को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था और तब से इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।
उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में बाबू ने आरोप लगाया था कि उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए उनके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)