पटना, छह सितम्बर बिहार में जदयू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के बजट को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया है, जो कि 2005 में 278 करोड़ रुपये था। यह बात राज्य के एक मंत्री ने रविवार को राजद के 15 साल के शासन और राज्य में राजग शासन के बीच तुलना करते हुए कही।
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार 2005 में राज्य में सत्ता में आयी थी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राजद शासन के दौरान टीकाकरण कवरेज 32 प्रतिशत था जो बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 15 वर्षों में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है। विभाग का बजट बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो गया है।’’
मंत्री ने दावा किया कि 2005 तक बिहार में आठ मेडिकल कॉलेज थे जिसमें से दो निजी थे। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में अब 12 सरकारी और पांच निजी मेडिकल संस्थान हैं। अगले चार वर्षों में यह संख्या बढ़कर 28 हो जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में कुल 21,530 चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मियों की नियुक्ति की गई है।
पांडेय ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर कहा कि बिहार में कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर 88.01 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय औसत 77.32 प्रतिशत से अधिक है।
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