अहमदाबाद, 18 नवंबर: भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ 2007 विश्व कप में उस टीम के कप्तान थे जो शुरूआती दौर में बाहर हो गयी थी जिससे अब वह रविवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में इसकी भरपायी करना चाहेंगे. द्रविड़ के नाम वनडे में 10,889 रन है लेकिन भारतीय कप्तान के तौर पर 2007 विश्व कप से उनकी विरासत में जो दाग लगा, उसे कोच के तौर पर वह 16 साल बाद मिटाना चाह रहे होंगे जब उनके खिलाड़ी आस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप फाइनल में उतरेंगे.
दिलचस्प बात है कि भारतीय कोच के रूप में उनके दो साल के अनुबंध का अंतिम दिन भी रविवार ही है. उनका अनुबंध संयुक्त अरब अमीरात में टीम के 2021 टी20 विश्व कप के ग्रुप लीग के बाहर होने के बाद शुरू हुआ था. अगर भारत जीत जाता है तो उन्हें इस पद पर बरकरार रखने के लिए काफी शोर होगा लेकिन जो भी द्रविड़ को जानता है, वो कहेगा कि वह इस खिताबी जीत पर बहुत गौरवान्वित होंगे.
भारतीय टीम में उनके एक पूर्व साथी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘जैमी (राहुल का निकनेम) ऐसा है जो बहुत स्वाभिमानी है. उन्होंने 2007 विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कप्तानी नहीं छोड़ी थी लेकिन कुछ महीनों के बाद इंग्लैंड में श्रृंखला जीती थी और वनडे श्रृंखला भी अच्छी रही थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड में टेस्ट जीत के बाद ही वह पद से हटे. यहां भी अगर भारत जीतता है तो बीसीसीआई उन्हें नया अनुबंध पेश कर सकता है.’’
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