देश की खबरें | हरियाणा चुनाव परिणाम: राउत की टिप्पणी पर पटोले ने कहा-कांग्रेस पर कोई भी आरोप बर्दाश्त नहीं करेंगे

मुंबई, नौ अक्टूबर कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर की गई टिप्पणी के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता संजय राउत की बुधवार को आलोचना की।

पटोले ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के खिलाफ आरोप बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा हैं। दोनों सहयोगी दलों के बीच तकरार ऐसे समय में सामने आई है, जब महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। एमवीए में शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) भी शामिल है।

हरियाणा में भाजपा के लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने के एक दिन बार राउत ने कहा कि कांग्रेस का अति आत्मविश्वास उसकी हार का कारण बना, क्योंकि पार्टी ने गठबंधन करने के बजाय अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया।

राउत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस उन क्षेत्रों में सहयोगियों पर भरोसा करती है, जहां वह कमजोर स्थिति में है, लेकिन अपने गढ़ में उन्हें नजरअंदाज कर देती है।

संवाददाताओं से बातचीत में राउत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पटोले ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कोई भी आरोप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हरियाणा और महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात अलग-अलग हैं। कांग्रेस अपने सहयोगियों को साथ लेकर चुनाव लड़ती है, जैसा कि लोकसभा चुनाव में देखा गया था।’’

इससे पहले, राउत ने संवाददाताओं से बातचीत में हरिय़ाणा के चुनावी नतीजों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) ने चुनाव जीता।

राउत ने कहा, ‘‘कांग्रेस जहां भी कमजोर स्थिति में होती है, क्षेत्रीय दलों से मदद लेती है, लेकिन जहां वह खुद को मजबूत समझती है, वहां क्षेत्रीय दलों को कोई महत्व नहीं देती है।’’

हरियाणा चुनाव के नतीजों का महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव पर असर पड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए राउत ने कहा, ‘‘अगर हरियाणा में ‘इंडिया’ गठबंधन ने चुनाव लड़ा होता और सीटें समाजवादी पार्टी (सपा), आम आदमी पार्टी (आप), राकांपा (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) को दी जातीं, तो ऐसे परिदृश्य में गठबंधन को मदद मिलती, लेकिन कांग्रेस ने सोचा कि लड़ाई एकतरफा होगी और वह अपने दम पर जीत जाएगी।’’

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