नयी दिल्ली, 21 जुलाई शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को प्रभावी बनाने के लिए समिति गठित किए जाने का विषय बृहस्पतिवार को लोकसभा में उठाया और आरोप लगाया कि इस समिति में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों और वापस लिए जा चुके तीनों विवादित कृषि कानूनों के समर्थकों को शामिल किया गया है।
उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाते हुए यह भी कहा कि इस समिति में पंजाब को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया जो ‘‘सरासर ज्यादती’’ है।
हरसिमरत कौर ने कहा, ‘‘पंजाब के किसानों ने बहुत बड़ा आंदोलन चलाया जिसमें 700 लोग शहीद हुए। सरकार ने तीनों कानूनों को वापस लेने के समय यह कहा था कि एक समिति बनाई जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसान को किस तरह से एमएसपी मिलेगा।’’
उन्होंने दावा किया कि अब जो समिति बनी है उसमें ‘एमएसपी’ सुनिश्चित करने की मांग हटाकर सिर्फ एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की बात कही गई है।
अकाली दल की सांसद ने कहा, ‘‘भाजपा से जुड़े लोगों को इस समिति में शामिल कर लिया गया। किसानों के प्रतिनिधि हैं उन्होंने कानूनों का समर्थन किया था।’’
भाजपा के धर्मव़ीर सिंह, गोपाल शेट्टी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की गीता विश्वनाथ और कई अन्य सदस्यों ने लोक महत्व के अलग-अलग विषय शून्यकाल में उठाए।
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