जयपुर, दो नवम्बर सरकार और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के बीच किसी प्रकार की सकारात्मक बातचीत नहीं होने के कारण गुर्जरों का आंदोलन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलन के दौरान गुर्जर समाज के लोग बड़ी संख्या में पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे दिखे और कई स्थानों पर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाया।
राजस्थान विधानसभा में भी गुर्जर आरक्षण आंदोलन का मसला उठाया गया। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य सरकार से इस पर जवाब देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की उपसमिति ने गुर्जर नेताओं के साथ बातचीत की है फिर भी गुर्जर आंदोलनकारियों ने रेलवे पटरियों पर जाम लगा रखा है।
राठौड़ ने कहा कि आंदोलन के चलते कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और रेल ओर सड़क यातायात को भी बंद किया गया है। राज्य सरकार को इस मुद्दे पर सदन को सूचित करना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने सरकार से केन्द्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को 'निष्प्रभावी' करने के लिए पेश तीन संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद जवाब देने को कहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, “कानून को हाथ में लेना ठीक नहीं है। मेरा उनसे (आंदोलनकारियों से) कहना है कि बातचीत के जरिये जब समस्या का समाधान हो सकता है तो आकर बात करनी चाहिए, पटरी उखाड़ने से... देश की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने से काम नहीं चलेगा।”
राजस्थान विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में शर्मा ने कहा कि आरक्षण देने का काम भी हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है। उन्होंने कहा, “सबसे बड़ा मुद्दा तो आरक्षण का ही था वो तो समाधान हो गया अब कोई छोटी मोटी समस्या है अगर तो बैठ कर उसका भी समाधान निकाला जा सकता है। कानून को हाथ में लेना मैं समझता हूं ठीक नहीं है।”
इससे पूर्व विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में संसदीय कार्यमंत्री बी डी कल्ला ने कहा, “सरकार ने जो मांगें संविधान सम्मत हैं वे मान ली हैं... उनको वार्ता करके आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके समाप्त करना चाहिए।”
पुलिस ने अनुसार बडी संख्या में युवा आंदोलनकारी भरतपुर के बयाना में रेलवे ट्रेक पर जमे हुए है और उन्होंने रेलवे ट्रेक को भी नुकसान पहुंचाया है।
कुंज पृथ्वी
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