जरुरी जानकारी | जीएसटी अधिकारियों ने 2020-21 में 35,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता लगाया, 426 लोग गिरफ्तार

नयी दिल्ली, 13 जुलाई जीएसटी प्राधिकरणों ने कर चोरी के खिलाफ एक साल की कार्रवाई में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर धोखाधड़ी का पता लगाया है। यह धोखाधड़ी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधान का दुरूपयोग कर की गयी।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे सीजीएसटी (केंद्रीय जीएसटी) प्राधिकरणों और जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीडीआई) ने लगभग 8,000 मामले दर्ज किए, जिनमें 35,000 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामले शामिल थे।

जीएसटी व्यवस्था के तहत अंतिम उत्पाद पर कर भुगतान करते समय इकाइयां वह कर कम कर सकती हैं, जो उन्होंने कच्चे माल प्राप्त करने के एवज में दिया।

हालांकि कुछ ने कच्चे माल को लेकर फर्जी बिल तैयार कर इस प्रावधान का दुरूपयोग किया।

बयान के अनुसार, ‘‘जीएसटी व्यवस्था के तहत आईटीसी के लाभकारी प्रावधान का दुरुपयोग जीएसटी कानून के तहत कर चोरी का सबसे आम तरीका है।

इसमें कहा गया है, ‘‘केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे प्राधिकरणों ने नियमित रूप से जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत से ही ऐसे मामलों का पता लगा रहे हैं।’’

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) के दौरान 426 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें चार्टर्ड एकाउंटेंट, वकील और निदेशक शामिल हैं।

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