नयी दिल्ली, 11 जनवरी वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि जीएसटी आसूचना इकाई ने बीते साल 1.98 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया। इस सिलसिले में 140 सरगनाओं को गिरफ्तार किया जो सरकारी खजाने को चूना लगाने में शामिल थे।
जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने 2023 में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो, बीमा और कार्यबल से जुड़ी सेवाओं के आयात (सेकेंडमेंट) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी चोरी का पता लगाया।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘जीएसटी आसूचना महानिदेशालय ने अधिक संख्या में कर चोरी और स्वैच्छिक भुगतान के मामलों का पता लगाया है। बीते वर्ष डीजीजीआई ने 28,362 करोड़ रुपये के स्वैच्छिक भुगतान के साथ 1,98,324 करोड़ रुपये के कर चोरी से जुड़े 6,323 मामलों का पता लगाया। जीएसटी चोरी में शामिल 140 सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया।’’
मामलों की संख्या 2022 की तुलना में काफी अधिक है। उस साल 90,499 करोड़ रुपये की कर चोरी और स्वैच्छिक भुगतान के 22,459 करोड़ रुपये से जुड़े 4,273 मामले सामने आए। वहीं 97 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि डीजीजीआई ने जो कर चोरी पकड़ी है, वह सालाना आधार पर 119 प्रतिशत अधिक है। वहीं स्वेच्छा से भुगतान मामले में में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बयान के अनुसार, फर्जी इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के मामलों को पकड़ने के लिए डीजीजीआई ने विशेष अभियान चलाया। इसके परिणामस्वरूप 21,078 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी के 2,335 मामले पकड़े गये। इसमें स्वैच्छिक भुगतान 2,642 करोड़ रुपये था।
मंत्रालय ने कहा कि फर्जी बिल को लेकर 116 सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया।
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