नयी दिल्ली, 20 सितंबर राष्ट्रीय राजधानी से मानसून की वापसी के बाद मौसम संबंधी स्थितियां प्रतिकूल होने और पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाने संबंधी घटनाओं के मद्देनजर दिल्ली सरकार संशोधित ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) को एक अक्टूबर से लागू करने की तैयारी कर रही है।
जीआरएपी के तहत स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर वायु प्रदूषण रोधी उपाय किए जाते हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों के अनुसार, प्रदूषकों को जमा होने से रोकने के लिए योजना सामान्य तिथि से 15 दिन पहले लागू होगी।
उन्होंने कहा कि इसकी वजह मानसून की वापसी के बाद हवा की दिशा में बदलाव आना और वायु की गति में कमी आना है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम ‘रियल टाइम सोर्स अपॉर्शन्मन्ट सिस्टम’ का भी उपयोग करेंगे जो वाहनों, सड़क की धूल, निर्माण कार्य की धूल, पराली जलने और औद्योगिक उत्सर्जन जैसे प्रदूषण के स्रोतों के प्रभाव को समझने में मदद करेगी।’’
‘ग्रीन वॉर रूम’ नियमों के उल्लंघनों की निगरानी करेगा और शिकायतों का निवारण करेगा।
उन्होंने कहा कि ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान को फिर से लागू करने पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि पटाखों पर ‘पूर्ण प्रतिबंध’ दशहरे के दौरान भी लागू रहेगा।
संशोधित जीआरएपी, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सीएक्यूएम द्वारा तैयार की गई नयी नीति का हिस्सा है। इसमें पूर्वानुमानों के आधार पर प्रतिबंधों के सक्रिय रूप से लागू करने पर ध्यान दिया गया है।
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