जरुरी जानकारी | सरकार का स्पष्टीकरण, कोयला ब्लॉक पारदर्शी तंत्र के जरिये से नीलामी के लिए रखे गए

नयी दिल्ली, आठ नवंबर कोयला मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 2014 में 204 कोयला ब्लॉक रद्द होने के बाद इन खदानों को पारदर्शी तंत्र के जरिये नीलामी के लिए रखा जा रहा है।

यह स्पष्टीकरण विपक्षी दल कांग्रेस के आरोप के एक दिन बाद आया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए प्रतिस्पर्धी नीलामी की लंबे समय से चली आ रही नीति को पलट दिया और लाभ वाले आकर्षक क्षेत्र अडाणी समूह को दे दिए हैं।

मंत्रालय ने बयान में कहा, “2014 में 204 कोयला खदानों को रद्द किए जाने के बाद खानों की नीलामी एक पारदर्शी व्यवस्था के तहत बिजली और गैर-विनियमित क्षेत्रों के लिए की जा रही है।”

कोयला मंत्रालय ने आगे कहा कि कैविल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड और अडाणी समूह के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं किया गया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि समूह को कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए हैं, तब भी जब वह एकमात्र बोली लगाने वाला था या जब किसी संबद्ध पक्ष ने दूसरे बोलीदाता के रूप में काम किया। उन्होंने दावा किया कि यह कोयला ब्लॉक नीलामी पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों की भावना का उल्लंघन है।

विपक्षी दल ने “सचाई सामने लाने के लिए” संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की भी मांग की है।

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