ताजा खबरें | सरकार का वर्ष 2014 के बाद प्राकृतिक कारणों के अलावा गोदामों में अन्न खराब न होने का दावा

नयी दिल्ली, 20 जुलाई केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बुधवार को लोकसभा में दावा किया कि वर्ष 2014 के बाद से बरसात, बाढ़ जैसे प्राकृतिक कारणों के अलावा देश में भारतीय खाद्य निगम आदि के भंडार गृहों में कहीं भी अन्न खराब नहीं हुआ है।

हालांकि, संसद की एक समिति के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19, 2019-20 और 2020-21 की तीन वर्ष की अवधि के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन (सीडब्ल्यूसी), स्टेट वेयरहाउंसिंग कारपोरेशन (एसडब्लूसी) तथा निजी गोदामों में प्रचालनात्क कारणों से कुल 1390 लाख टन खाद्यान्न की क्षति हुई । सुदीप बंदोपाध्याय की अध्यक्षता वाली उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से संबंधी संसद की स्थायी समिति को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़ों में यह जानारी सामने आयी है।

लोकसभा में मंगलवार को पेश रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, इन तीन वर्षो में एफसीआई, सीडब्ल्यूसी, एसडब्ल्यूसी तथा निजी गोदामों में बरसात, बाढ़ एवं चक्रवाती तूफान के कारण से 7,603 लाख टन खाद्यान्न की क्षति हुई है।

इस बीच, लोकसभा में रामचंद्र माझी और उदय प्रताप सिंह के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बुधवार को प्रश्नकाल में कहा कि ‘‘मैं सदस्य को बताना चाहती हूं कि वर्ष 2014 के बाद से कहीं भी अन्न खराब नहीं हुआ है ।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा गरीब कल्याण पैकेज लागू करके साधारण लोगों को ही नहीं बल्कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा,‘‘कहीं भी अन्न की बर्बादी नहीं हो रही है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ यदि मैं 2014 के पहले जाऊं तब कितना बर्बाद (अन्न) होता था, ये आंकड़े प्रस्तुत कर सकती हूं । आज कहीं भी बर्बाद नहीं हो रहा है । बरसात के कारण, बाढ़ के कारण हो सकता है... बाकी कहीं भी बर्बाद नहीं हो रहा है । ’’

सदस्यों ने एफसीआई आदि के भंडार गृहों में खाद्यान्न के नुकसान का विषय उठाते हुए पूछा था कि क्या ऐसी कोई योजना है जिसमें एफसीआई को कम से कम नुकसान हो ?

वहीं, बुधवार को रंजीता कोली और सुमेधानंद सरस्वती के प्रश्न के लिखित उत्तर में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अनुचित भंडारण के कारण मानसून मौसम के दौरान कवक एवं कीड़ों द्वारा केंद्रीय पूल के खाद्यान्नों के स्टॉक (गेहूं और चावल) के क्षति ग्रस्त होने की कोई भी सूचना प्राप्त नहीं हुई है।

मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम, खाद्यान्नों का स्टॉक क्षतिग्रस्त या जारी करने योग्य न होने पर इसका निपटान प्रचलित संविदा दर के जरिये करता है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त खाद्यान्नों की नीलामी और वितरण के दौरान इसका निपटान करने के लिये भी कदम उठाये गए हैं।

सदस्यों ने पूछा था कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि उसके द्वारा खरीदा गया खाद्यान्न का भंडारण सही तरीके से नहीं किये जाने के कारण मानसून के दौरान वह कवक एवं कीड़ों से क्षतिग्रस्त हो जाता है।

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