नयी दिल्ली, 11 जून सरकार ने अप्रैल माह के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के पूर्ण आंकड़े जारी नहीं करने का फैसला किया है। कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है। पिछले साल भी समान महीने में सरकार ने ऐसा ही किया था।
पिछले साल जून में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने कारखाना उत्पादन पर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से आईआईपी के पूर्ण आंकड़ों को रोक लिया था।
इस साल भी महामारी की दूसरी लहर की वजह से विभिन्न राज्यों में लगाए गए अंकुशों के चलते औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। एनएसओ द्वारा शुक्रवार को जारी आंशिक आंकड़ों के अनुसार इस साल अप्रैल में आईआईपी (साधारण सूचकांक) 126.6 अंक रहा है। अप्रैल, 2020 में आईआईपी 54 अंक और अप्रैल 2019 में 126.5 अंक रहा था।
अप्रैल, 2020 में औद्योगिक उत्पादन में 57.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
आंशिक आंकड़ों के अनुसार निचले आधार प्रभाव की वजह से अप्रैल, 2021 में आईआईपी की वृद्धि दर पिछले साल के समान महीने की तुलना में 134 प्रतिशत रही है। लेकिन यदि अप्रैल, 2019 से तुलना की जाए, तो आईआईपी की वृद्धि दर स्थिर रही है।
इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में जो शुरुआती पुनरूद्धार शुरू हुआ था वह महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित हुआ है।
एनएसओ के अनुसार, अप्रैल, 2021 में खनन, विनिर्माण ओर बिजली क्षेत्रों का सूचकांक क्रमश: 108, 125.1 और 174 अंक रहा। उपयोग आधारित वर्गीकरण के हिसाब से प्राथमिक वस्तुओं के लिए यह 126.7 अंक, पूंजीगत सामान के लिए 82.4, मध्यवर्ती वस्तुओं के लिए 137.9 अंक और बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं के लिए 134.8 अंक रहा।
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