नयी दिल्ली, 25 सितंबर : केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को कहा कि केंद्र जल्द ही एक नयी सहकारिता नीति लेकर आएगा और सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा. शाह केंद्रीय गृह मंत्री भी हैं. उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले पांच वर्ष में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसी) की संख्या बढ़ाकर तीन लाख की जाएगी. अभी पीएसी की संख्या लगभग 65,000 है. वह यहां पहले सहकारिता सम्मेलन या राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में बोल रहे थे. सहकारिता मंत्रालय का गठन इसी साल जुलाई में किया गया था. विभिन्न सहकारी समितियों के 2,100 से अधिक प्रतिनिधियों और लगभग छह करोड़ ऑनलाइन प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि कुछ लोगों को आश्चर्य है कि केंद्र ने यह नया मंत्रालय क्यों बनाया क्योंकि सहकारिता राज्य का विषय है.
शाह ने कहा कि इस पर कानूनी प्रतिक्रिया हो सकती है, लेकिन वह इस तर्क में नहीं पड़ना चाहते. उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र राज्यों के साथ सहयोग करेगा और ‘कोई टकराव नहीं होगा’. उन्होंने कहा, ‘‘सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हम सभी राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है. प्रस्तावित नयी सहकारी नीति पर शाह ने कहा कि वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा एक नीति लाई गई थी, और अब नरेंद्र मोदी सरकार एक नयी नीति पर काम शुरू करेगी. यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश सरकार ने पन्ना में हीरा पार्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की – मुख्यमंत्री चौहान
सहकारिता आंदोलन को पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक बताते हुए शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र देश के विकास में बहुत योगदान दे सकता है. उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. कराधान के मोर्चे और अन्य मुद्दों पर सहकारिता के सामने आने वाली समस्याओं का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि उन्हें इन चिंताओं की जानकारी है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सहकारिता क्षेत्र के साथ कोई अन्याय नहीं होगा.