नयी दिल्ली, नौ सितंबर नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों में बढ़ोतरी के अनुरोधों पर सरकार सक्रियता से विचार करेगी, लेकिन वह भारतीय एयरलाइंस को प्रोत्साहन और देश में वैश्विक विमानन केंद्र को भी विकसित करना चाहती है।
नायडू की यह टिप्पणी कुछ विदेशी एयरलाइंस के भारत के लिए अधिक उड़ानें संचालित करने की मंजूरी मांगने के संदर्भ में आई है।
नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम द्विपक्षीय उड़ान संबंधों पर सक्रियता से विचार कर रहे हैं। लेकिन हम भारतीय एयरलाइंस को बढ़ावा देना चाहते हैं क्योंकि हम अपने खुद के विमानन केंद्र भी बनाना चाहते हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों पर निर्णय लेने की कोई समयसीमा नहीं है और वे हवाई अड्डों तक सीमित नहीं होंगे।
द्विपक्षीय उड़ान अधिकार दो देशों के बीच में होते हैं जो दोनों तरफ की एयरलाइंस को एक निश्चित संख्या में उड़ानें संचालित करने की अनुमति देते हैं। वहीं मुक्त आकाश नीति में विमानन कंपनियों को दो देशों के बीच असीमित संख्या में उड़ानें संचालित करने की अनुमति होती है।
खाड़ी देशों की एयरलाइंस भारत के लिए द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों में वृद्धि की मांग कर रही हैं। दरअसल, मौजूदा कोटा पूरी तरह से खत्म हो चुका है।
नागर विमानन मंत्री ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र की वृद्धि के लिए न केवल घरेलू नेटवर्क बल्कि अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भी अहम है। भारतीय यात्रियों की महत्वाकांक्षाएं इतनी बढ़ गई हैं कि दूसरे एवं तीसरे दर्जे के शहरों के लोग भी विदेश यात्रा करना चाहते हैं।’’
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है और घरेलू एयरलाइंस बढ़ती यातायात मांग को पूरा करने के लिए अपने परिचालन और बेड़े का विस्तार कर रही हैं।
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