लखनऊ, 20 अगस्त समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया तीन महीने का समय संदेह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार अपने कार्यकाल के बाकी समय के लिए भर्ती को टालना चाहती है।
यादव ने 'एक्स' पर कहा, "69000 शिक्षकों की भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए तीन घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार इसके लिए तीन महीने का जो समय मांग रही है, वो संदेह पैदा करता है।"
उन्होंने कहा, "इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटाले वाली भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाकर आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार कहीं इसे अपने बचे हुए कार्यकाल के लिए टालना तो नहीं चाहती है।"
यादव ने इसी पोस्ट में आगे कहा, "भाजपा का सबसे बड़ा संकट ही यही है कि उसका असली चेहरा जनता ने देख लिया है और अब जनता भाजपा की सूरत और सीरत पहचान गयी है।’’
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को तीन महीने के भीतर 69,000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए नयी चयन सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी उन चयन सूचियों को रद्द कर दिया, जिनमें आरक्षित श्रेणियों के 6,800 अभ्यर्थी शामिल थे। ताजा आदेश 16 अगस्त को अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
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