नयी दिल्ली, 29 मार्च रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कोयला ब्लॉक के वाणिज्यिक खनन को लेकर सातवें दौर की नीलामी की शुरुआत की। नीलामी के नये चरण के तहत 106 खदानों को रखा गया है।
सातवें दौर की नीलामी में शामिल 106 कोयला खदानों में से 95 गैर-कोकिंग कोयला खदान, एक कोकिंग कोयला खदान और 10 लिग्नाइट खदान हैं। इसमें से 61 ब्लॉक का आंशिक रूप से जबकि 45 का पूर्ण रूप से पता लगाया जा चुका है।
सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि कोयले को काला सोना माना जाता है। यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ साल में हमारी ऊर्जा खपत बढ़ी है और इसमें वृद्धि जारी रहेगी। और इस जरूरत को पूरा करने को लेकर हमें आज से प्रयास शुरू करने होंगे।’’
सिंह ने कहा कि कोयला ब्लॉक की मौजूदा नीलामी ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में कदम है।
निविदा दस्तावेजों की बिक्री बुधवार से शुरू हो गई है। खदानों, नीलामी की शर्तों, समयसीमा आदि का विवरण एमएसटीसी नीलामी मंच पर देखा जा सकता है। नीलामी राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर पारदर्शी तरीके से दो चरणों में ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।
कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कंपनियों को नीलामी में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो खदानों से जल्द उत्पादन शुरू करेंगी।
उन्होंने कहा कि कोयले का उपयोग अगले 40-50 साल किया जाएगा।
इस बीच, कोयला मंत्रालय ने छठे दौर में नीलाम किये गये 28 कोयला खदानों के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये।
छठे दौर में सफल बोली लगाने वाली कंपनियों में जेएसडब्ल्यू सीमेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट्स, अंबुजा सीमेंट्स और जिंदल पावर लिमिटेड शामिल हैं।
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