नयी दिल्ली, 22 अप्रैल केंद्र सरकार ने बुधवार को इस वर्ष 4.07 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस साल रिकॉर्ड 10 करोड़ 62.1 लाख टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को ट्वीट किया , ‘‘केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के रबी सत्र में 4.07 करोड़ टन गेहूं और एक करोड़ 12.9 लाख टन चावल की खरीद को मंजूरी दी है।’’
कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन की स्थिति के बीच, मुख्य रबी फसल, गेहूं की कटाई चल रही है। लगभग 67 प्रतिशत गेहूं फसल की कटाई हो चुकी है।
गेहूं का विपणन वर्ष अप्रैल से मार्च तक तक का होता है और अधिकांश खरीद का काम पहले तीन महीनों में किया जाता है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियां एमएसपी पर खरीद का काम करती हैं। विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान गेहूं की खरीद तीन करोड़ 41.3 लाख टन की हुई थी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गेहूं उत्पादक राज्यों द्वारा दिये गये फसल अनुमान का आकलन करने के बाद लक्ष्य को अंतिम रूप दिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि मौजूदा विपणन वर्ष के लिए, पंजाब के लिए गेहूं खरीद लक्ष्य 1.35 करोड़ टन, मध्य प्रदेश में एक करोड़ टन, हरियाणा में 95 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 55 लाख टन और राजस्थान में 17 लाख टन निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और बिहार के लिए 20 - 20 लाख टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जबकि गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के लिए इस साल 50- 50 हजार टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अनुमान में गेहूं का उत्पादन चालू वर्ष में रिकॉर्ड 10 करोड़ 62.1 लाख टन होने का अनुमान लगाया है लेकिन गेहूं उत्पादक राज्य 11 करोड़ 84.1 लाख टन से भी अधिक उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने इस साल के रबी सत्र के दौरान एक करोड़ 12.9 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य रखा है।
विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान तेलंगाना के लिए लक्ष्य 61.9 लाख टन और आंध्र प्रदेश के लिए लक्ष्य 21.9 लाख टन निर्धारित किया गया है। ओडिशा के लिए यह लक्ष्य 9,50,000 टन, पश्चिम बंगाल के लिए 8,00,000 टन, तमिलनाडु के लिए 5,44,000 टन, महाराष्ट्र के लिए 3,35,000 टन, केरल के लिए 2,00,000 टन, असम के लिए 67,000 टन और कर्नाटक के लिए 12,000 टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
एफसीआई द्वारा खरीफ सत्र के दौरान उगाये गये चावल की भारी पैमाने पर खरीद की जाती है।
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