Uddhav Thackrey vs Eknath Shinde Case Verdict: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा की, कानूनी, संवैधानिक ढांचे के भीतर सरकार बनाई, SC ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने कानूनी और संवैधानिक ढांचे के भीतर पिछले साल जून में सरकार बनाने का दावा पेश किया था और अब इस पर उच्चतम न्यायालय की मुहर लग गई है.

उद्धव ठाकरे व एकनाथ शिंदे (Photo Credit : Twitter)

मुंबई, 11 मई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने कानूनी और संवैधानिक ढांचे के भीतर पिछले साल जून में सरकार बनाने का दावा पेश किया था और अब इस पर उच्चतम न्यायालय की मुहर लग गई है. शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने के कारण राजनीतिक संकट पर शीर्ष अदालत द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फैसले का स्वागत किया. यह भी पढ़ें: Maharashtra Political Crisis: उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं दिया होता तो बच सकती थी सरकार, SC ने की ये टिप्पणी

शिंदे ने कहा, ‘‘हमने जो सरकार बनाई वह कानूनी और संवैधानिक ढांचे के भीतर थी. उच्चतम न्यायालय ने अब इस पर मुहर लगा दी है. पहले लोग हमारी सरकार को असंवैधानिक गठबंधन कहकर निशाना बनाते थे.’’ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता लगातार शिंदे नीत सरकार को ‘‘असंवैधानिक’’ करार दे रहे थे. शिंदे ने कहा कि अब उन सभी आलोचक और उनकी आलोचना अप्रासंगिक हो गई है.

फडणवीस ने ठाकरे पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि उन्हें नैतिकता के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। फडणवीस ने कहा, ‘‘ठाकरे ने कहा कि उन्होंने नैतिक आधार पर शक्ति परीक्षण का सामना नहीं किया। मैं जानना चाहता हूं कि उनकी नैतिकता कहां थी जब उन्होंने 2019 में हमारे साथ विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन सरकार बनाने के लिए विपक्षी दलों से हाथ मिला लिया.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ठाकरे ने शर्म के मारे इस्तीफा दिया.’’

शिंदे ने कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री जानते थे कि वह अल्पमत में हैं. अब वह कह रहे हैं कि उनका व्हिप पार्टी में लागू होगा, लेकिन क्या उनके पास पर्याप्त विधायक हैं?’’ उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन एमवीए सरकार को बहाल नहीं कर सकता क्योंकि उन्होंने पिछले साल जून में विश्वास मत का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था.

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