
विजयपुर (कर्नाटक), 13 दिसंबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने पंचमसाली आंदोलनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज का बचाव करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर कोई कानून अपने हाथ में लेता है और लोगों को परेशान करता है तो सरकार आंखें मूंद कर नहीं सकती.
बेलगावी में मंगलवार को पंचमसाली समुदाय के लोगों के एक वर्ग द्वारा किए गए प्रदर्शन के हिंसक हो जाने पर पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए, जिसके कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. कुडलसंगम मठ के महंत बसव जयमृत्युंजय स्वामी के नेतृत्व में पंचमसाली आंदोलनकारी बेलगावी में ‘सुवर्ण विधान सौध’ (विधानमंडल) की घेराबंदी करने जा रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को पंचमसाली समुदाय द्वारा 2ए श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग करने और आंदोलन करने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए. उन्होंने अपील की कि कोई भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में न ले.
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि कोई कानून को अपने हाथ में लेता है और लोगों को परेशान करता है, तो सरकार आंखें नहीं मूंदेगी.’’ पंचमसाली समुदाय 2ए श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है, जिसमें शिक्षा संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 15 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. वर्तमान में यह समुदाय 3बी श्रेणी में है, जिसमें पांच प्रतिशत आरक्षण मिलता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून सबके लिए समान है, चाहे वह स्वामी हो या कोई और. उन्होंने कहा कि हर कोई अपनी मांग रखने के लिए आजाद है. उन्होंने कहा कि सरकार संविधान के अनुसार काम करेगी. यह भी पढ़ें : Bihar: बेतिया में सरकारी टीचर ने कक्षा में अश्लील तस्वीरें बनाकर छात्रों को ‘सुहागरात’ का पाठ पढ़ाया, देखें वीडियो
विपक्षी दलों के इस आरोप के बारे में कि पुलिस ने ‘सुवर्ण सौध’ की घेराबंदी के दौरान पंचमसाली समुदाय के लोगों पर पथराव किया, सिद्धरमैया ने कहा कि वह आंदोलनकारियों द्वारा पत्थर फेंकने और अवरोधकों को धक्का देकर अंदर घुसने की तस्वीरें दिखाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘स्वामी सड़क पर क्यों बैठे हैं? अगर प्रदर्शनकारियों ने पत्थर नहीं फेंके, तो 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी कैसे घायल हो गए? क्या पुलिस ने खुद पत्थर फेंके? मैं जो कह रहा हूं, उसके सबूत मौजूद हैं.’’ मुख्यमंत्री ने पंचमसाली समुदाय को सलाह दी कि वे अपनी मांग के समाधान के लिए पिछड़ा वर्ग के स्थायी आयोग से संपर्क करें.