नयी दिल्ली, 18 अप्रैल बीते वित्त वर्ष 2020-21 में सोने का आयात 22.58 प्रतिशत बढ़कर 34.6 अरब डॉलर या 2.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सोने का आयात चालू खाते के घाटे (कैड) को प्रभावित करता है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ा है।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष के दौरान चांदी का आयात 71 प्रतिशत घटकर 79.1 करोड़ डॉलर रह गया।
इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सोने का आयात 28.23 अरब डॉलर रहा था।
सोने के आयात में बढ़ोतरी के बावजूद बीते वित्त वर्ष में देश का व्यापार घाटा कम होकर 98.56 अरब डॉलर रह गया। 2019-20 में यह 161.3 अरब डॉलर रहा था।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ रहा है।
शाह ने कहा कि अक्षय तृतीया तथा शादी-ब्याज के सीजन की वजह से सोने का आयात और बढ़ सकता है। इससे चालू खाते का घाटा भी बढ़ेगा।
देश में विदेशी मुद्रा के आने और यहां से बाहर जाने का अंतर कैड कहलाता है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोने का आयातक है। मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए सोने का आयात किया जाता है। बीते वित्त वर्ष में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 27.5 प्रतिशत घटकर 26 अरब डॉलर रह गया।
मात्रा के हिसाब से भारत हर साल 800 से 900 टन सोने का आयात करता है।
सरकार ने बजट में सोने पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)