गहलोत ने भाजपा पर राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

जयपुर, 12 जुलाई : राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी के आरोप झेल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा अपराध के ग्राफ से संबंधित तथ्यों और आंकड़ों के बारे झूठ फैला रही है. गहलोत ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए भाजपा के इस दावे को खारिज किया कि राजस्थान महिलाओं के खिलाफ अपराध में देश में पहले स्थान पर है. उन्होंने कहा कि महिला अत्याचार के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किये गए हैं. सिलसिलेवार ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में अपराध के आंकड़ों को लेकर सोशल मीडिया में भाजपा द्वारा झूठ फैलाया जा रहा है. एक अखबार ने भी यही आंकड़े तथ्यों की जांच किए बिना छाप दिए जिनके कारण आमजन में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है जबकि सच्चाई पूर्णत: भिन्न है.

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के दावों के मुताबिक प्रदेश 2019 में महिला अत्याचार के मामलों में 41,550 प्रकरणों के साथ प्रथम स्थान पर था. लेकिन एनसीआरबी के मुताबिक महिला अत्याचार के सर्वाधिक 59,853 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए. राजस्थान में निर्बाध पंजीकरण की नीति के बावजूद मामले उत्तर प्रदेश से कम हैं.’’ गहलोत ने यह भी कहा कि भाजपा का दावा है कि 2020 में 2019 की तुलना में महिला अत्याचार 50 प्रतिशत बढ़े जबकि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वास्तव में वर्ष 2020 में महिला अत्याचार 16 प्रतिशत कम हुए. उन्होंने कहा कि ‘‘2020 में बलात्कार की घटनाओं में भी 11 प्रतिशत की कमी आई है. 2019 की तुलना में महिला अत्याचारों में जून 2021 तक 9 प्रतिशत की कमी है.’’ यह भी पढ़ें : Jagannath Rath Yatra 2021: पीएम नरेंद्र मोदी ने देश वासियों को दी जगन्नाथ रथ यात्रा की बधाई, लिखा खास संदेश

उन्होंने कहा, ‘‘2020 एवं 2021 के आंकड़ों की तुलना करना उचित नहीं है क्योंकि 2020 में करीब आधा साल आंशिक अथवा पूर्ण लॉकडाउन में गुजरा जिसके कारण अपराध के आंकड़ों में कमी आई थी इसलिए तुलनात्मक रूप से 2021 के आंकड़े ज्यादा आना स्वभाविक है.’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शनिवार को दिल्ली में कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा था जबकि जयपुर में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी इस मामलें पर सरकार को घेरा था.