देश की खबरें | अरुणाचल में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गयालों को चमकने वाले कॉलर पहनाए जाएंगे

ईटानगर, आठ फरवरी अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में गयाल मालिकों को चमकीले कॉलर दिए गए हैं ताकि घने कोहरे और कम दृश्यता के दौरान राजमार्गों पर गयाल पशु स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकें तथा सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

गयाल (मिथुन) अरुणाचल प्रदेश में सांस्कृतिक रूप से पूजनीय गौवंशीय प्रजाति का पशु है।

सड़क दुर्घटनाओं को कम करने तथा मानव जीवन और गयालों दोनों की सुरक्षा के लिए सियांग जिले के पांगिन के क्षेत्राधिकारी नियांग पर्टिन और पीडब्ल्यूडी (राजमार्ग) पासीघाट डिवीजन के कार्यकारी अभियंता ओकेप दाई ने शुक्रवार को गयाल मालिकों को चमकीले कॉलर वितरित किए।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कॉलर को इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि राजमार्गों पर पशु अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकें, विशेष रूप से सर्दियों के घने कोहरे के दौरान, जब कम दृश्यता के कारण कई दुर्घटनाएं होती हैं।

गयालों का रंग काला होता है, जिसके कारण अक्सर रात में वाहन चालकों के लिए सड़कों पर उन्हें देखना मुश्किल हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में मानव एवं पशु दोनों की जान चली जाती है।

नियांग पर्टिन और ओकेप दाई ने ऐसे जोखिमों को कम करने के लिए व्यक्तिगत रूप से 200 चमकीले कॉलरों का वित्तपोषण और खरीद की।

इन कॉलरों के वितरण के लिए हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता पेंगिन के अतिरिक्त उपायुक्त गौतम पाडु ने किया।

पाडु ने समाज के सभी लोगों से सहयोग देने की अपील करते हुए कहा, ‘‘हमारे राजमार्गों की सुरक्षा करना हम सभी का साझा दायित्व है। मिथुन की सुरक्षा करने की यह पहल आगे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह केवल शुरुआत है। हम सभी लोगों की सुरक्षा के लिए अभिनव विचारों को विकसित करना जारी रखेंगे।’’

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