देश की खबरें | जुलाई तक गगनयान चालक दल मॉड्यूल का परीक्षण होगा : इसरो के अध्यक्ष

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 29 मई भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए जुलाई में चालक दल के मॉड्यूल के परीक्षण सहित अंतरिक्ष केंद्र में कई गतिविधियों की तैयारी कर रहा है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने कहा कि इसरो नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के साथ मिलकर सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन शुरू करने के लिए भी काम कर रहा है।

निसार (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन) उन्नत रडार तस्वीरों का इस्तेमाल करके भूमि की सतह में परिवर्तन के कारणों और परिणामों का वैश्विक माप करने के लक्ष्य के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और इसरो के बीच पृथ्वी की निगरानी का संयुक्त मिशन है।

भविष्य के प्रक्षेपणों के बारे में सोमनाथ ने कहा कि अगला प्रक्षेपण ‘इनसैट-3डी’ नामक जलवायु और मौसम अवलोकन उपग्रह होगा, जिसे जीएसएलवी रॉकेट के जरिए छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘वही रॉकेट (जीएसएलवी) निसार को भी ले जाने वाला है। आगामी महीनों में हम पीएसएलवी के साथ-साथ जीएसएलवी एमके तीन का भी प्रक्षेपण करने जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा में कई तरह की गतिविधियां जारी रहेंगी। सोमनाथ ने कहा कि महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए वैज्ञानिक विभिन्न परीक्षण करने पर काम कर रहे हैं और एजेंसी इस संबंध में नौसेना और अन्य के साथ समन्वय कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अब एक परीक्षण यान मिशन लॉन्च करेंगे। जुलाई तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। परीक्षण करने के लिए यान पहले से ही यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में है।’’

उन्होंने कहा कि यह परीक्षण प्रदर्शित करेगा कि गगनयान मिशन के दौरान किसी दुर्घटना की स्थिति में चालक दल कैसे बचता है। अंतरिक्ष विभाग के सचिव ने कहा, ‘‘परीक्षण यान को 14 किमी की ऊंचाई पर ले जाया जाएगा और वहां हम कोई समस्या गड़बड़ी पैदा करेंगे या इसे नष्ट करने की कोशिश करेंगे और देखेंगे कि चालक दल का मॉड्यूल कैसे बच निकलता है। ये हमें प्रदर्शित करना है। हम नौसेना जैसे विभिन्न हितधारकों से बात कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस मिशन को फिर से दोहराया जाना है और इसके बाद संभवत: अगले साल एक मानव रहित मिशन होगा जिसमें चालक दल के पूरे मॉड्यूल को कक्षा में ले जाया जाएगा और वापस लाया जाएगा।

चेन्नई से लगभग 600 किमी दूर तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम में एक लॉन्च पैड स्थापित करने पर सोमनाथ ने कहा कि इसरो 2,000 एकड़ भूमि प्राप्त करने के लगभग अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कुलसेकरपट्टिनम में एक छोटे प्रक्षेपण यान के लिए एक लॉन्च पैड का निर्माण करेंगे और भविष्य में निजी क्षेत्र के लिए संभावित रॉकेट लॉन्च करेंगे। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और कुछ और भूमि का अधिग्रहण किया जाना बाकी है।’’

सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (एनजीएलवी) के प्रक्षेपण के बारे में चर्चा कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी इस पर चर्चा करने का सही समय नहीं है। यह एक रॉकेट है जिसे हम फिर से इस्तेमाल योग्य बनाना चाहते हैं, और मूल रूप से (हम) तरल और सेमी-क्रायोजेनिक तकनीक पर काम कर रहे हैं।’’

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