पणजी, 18 अप्रैल: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि पणजी में जी-20 के स्वास्थ्य कार्यकारी समूह की बैठक में शामिल हुए प्रतिनिधियों ने जन औषधि केंद्र में दिलचस्पी दिखायी है और उनमें से कुछ ने अपने देश में इसे लागू करने की इच्छा जतायी है जिसके लिए भारत हरसंभव मदद देगा. यह भी पढ़ें: UP: उत्तर प्रदेश पर लगे दंगे के राज्य के कलंक को हम मिटा चुके हैं- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मांडविया ने 10 प्रतिनिधियों को जन औषधि केंद्र का दौरा कराया. उन्होंने उन्हें बताया कि कैसे प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना पूरे देश में लोगों को गुणवत्तापूर्ण तथा किफायती दवाइयां उपलब्ध कराती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने कभी स्वास्थ्य को व्यापार से नहीं जोड़ा. उन्होंने कहा कि देश में अभी 9,500 से अधिक जन औषधि केंद्र हैं.
मांडविया ने कहा, ‘‘जी20 (स्वास्थ्य कार्यकारी समूह बैठक) में आए प्रतिनिधियों ने जन औषधि केंद्र का दौरा किया और इस लोक कल्याण परियोजना के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी ली. उनमें से कुछ अपने देश में इस योजना को लागू करना चाहते हैं. भारत इस संबंध में उन्हें हरसंभव मदद उपलब्ध कराएगा.’’
पणजी में जन औषधि केंद्र के प्रभारी विनोद मेनन ने कहा कि प्रतिनिधि उनसे भारत के सभी केंद्रों में दवाइयों के निर्माण से लेकर वितरण की पूरी प्रक्रिया जानना चाहते थे. मेनन ने कहा, ‘‘वे जानना चाहते थे कि सरकार कहां से दवाइयां खरीदती है या उनका निर्माण करती है और कैसे उन्हें विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाया जाता है। वे उस सॉफ्टवेयर के बारे में भी जानने के इच्छुक थे जिसके जरिए दवाइयों के भंडारण और बिक्री पर नजर रखी जाती है.’’
भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत स्वास्थ्य कार्यकारी समूह की दूसरी बैठक 19 अप्रैल को संपन्न होगी। जी20 के 19 देशों, 10 आमंत्रित देशों और 22 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 180 से अधिक प्रतिनिधि इसमें भाग ले रहे हैं.
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