
नयी दिल्ली, 23 मार्च भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के बिकवाली दबाव में अब कमी देखी जा रही है। वैश्विक स्तर पर चिंताएं कम होने तथा रूस-यूक्रेन संघर्ष में कमी की उम्मीद के बीच एफपीआई ने पिछले सप्ताह शुद्ध रूप से 1,794 करोड़ रुपये (19.4 करोड़ डॉलर) के शेयर बेचे हैं।
हालांकि, एफपीआई का रुख कुछ सकारात्मक होने के बावजूद यह उनकी बिकवाली का लगातार 15वां सप्ताह रहा।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आगे चलकर एफपीआई का सतर्क रुख कायम रहेगा। वे अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर पर रुख, भू-राजनीतिक घटनाक्रमों, आर्थिक परिदृश्य पर कुछ स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं।’’
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 21 मार्च को समाप्त सप्ताह में 1,794 करोड़ रुपये (19.4 करोड़ डॉलर) के शेयर बेचे हैं। इसकी तुलना में छुट्टियों के कारण कम अवधि वाले पिछले सप्ताह में उनकी निकासी 60.4 करोड़ डॉलर रही थी।
पिछले सप्ताह, एफपीआई ने दो मौकों पर शुद्ध खरीदारी की।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘ एफपीआई की बिकवाली में हालिया उलटफेर ने बाजार की धारणा को बेहतर बनाया है, जिससे 21 मार्च को समाप्त सप्ताह में बाजार में तेजी आई।’’
हालांकि, एफपीआई के रुख में बदलाव के बावजूद मार्च में उनकी बिकवाली 31,719 करोड़ रुपये रही है। इससे पहले फरवरी में उन्होंने 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 2025 के लिए कुल एफपीआई निकासी अब 1.44 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
हालांकि, मार्च में उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार में 10,955 करोड़ रुपये डाले हैं।
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