नयी दिल्ली, 23 दिसंबर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह जानकारी आयोग ने सोमवार को दी।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा का कार्यकाल एक जून को पूरा होने के बाद से एनएचआरसी अध्यक्ष का पद रिक्त था।
मिश्रा ने मानवाधिकार आयोग के आठवें अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्हें जून 2021 में पद पर नियुक्त किया गया था।
सूत्रों ने पहले बताया था कि 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने एनएचआरसी के अगले अध्यक्ष का चयन करने के लिए बैठक की थी।
चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) या शीर्ष अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को एनएचआरसी अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रामसुब्रमण्यम को एनएचआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘‘एनएचआरसी को नियुक्ति के बारे में सूचना आज मिली।’’
पूर्व सीजेआई एच एल दत्तू और पूर्व सीजेआई के जी बालकृष्णन उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने अतीत में मानवाधिकार आयोग का नेतृत्व किया है।
एनएचआरसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत की माननीय राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम (सेवानिवृत्त) को अध्यक्ष और प्रियंक कानूनगो एवं डॉ. न्यायमूर्ति बिद्युत रंजन सारंगी (सेवानिवृत्त) को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत का सदस्य नियुक्त किया है।’’
कानूनगो इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने सोमवार को कहा, ‘‘और अब एनएचआरसी सदस्य के रूप में मैं अपेक्षित जिम्मेदारियों को पूरा करने का प्रयास करूंगा।’’
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मिश्रा 2019 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम में संशोधन के बाद एनएचआरसी प्रमुख पद पर नियुक्त होने वाले पहले गैर-सीजेआई भी थे। उन्होंने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच एल दत्तू का स्थान लिया था। मिश्रा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2 जून से एनएचआरसी सदस्य विजया भारती सयानी इसकी कार्यवाहक अध्यक्ष बन गई थीं।
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