नयी दिल्ली, 19 दिसंबर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के चलते पैदा हुई अनिश्चितता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा उम्मीद से पहले बॉन्ड खरीद बंद करने के बीच दिसंबर में अब तक भारतीय बाजारों से 17,696 करोड़ रुपये निकाले हैं।
आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 1-17 दिसंबर के बीच इक्विटी से 13,470 करोड़ रुपये, ऋण खंड से 4,066 करोड़ रुपये और हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स से 160 करोड़ रुपये निकाले।
एफपीआई ने नवंबर में भारतीय बाजारों में 2,521 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री की थी।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक- शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक और घरेलू दोनों मोर्चों पर अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के चलते चिंता बनी हुई है और इसने वैश्विक वृद्धि परिदृश्य को प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा आर्थिक वृद्धि भी अपेक्षाकृत धीमी रही है और भारत की आय ज्यादा नहीं बढ़ी है। यदि हालात बिगड़ते हैं तो विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना निवेश निकाल सकते हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि चूंकि बैंकिंग में सबसे अधिक एफपीआई होल्डिंग है, इसलिए उसे एफपीआई की बिक्री का खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
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