जयपुर, 12 अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए ‘‘रूथलेस कन्टेनमेंट’’(सख्ती से काबू पाने) की नीति पर ध्यान केंद्रित रखा जाए और जो इलाके अत्याधिक संक्रमित स्थान (हॉटस्पॉट) के रूप में चिह्नित किए गए है, वहां कर्फ्यू और आसपास के इलाकों में लॉकडाउन की सख्ती से पालना कराई जाये।
उन्होंने भीलवाड़ा मॉडल कर अनुकरण करते हुए ज्यादा से ज्यादा टीमें तैयार कर हर घर का सर्वे करने के निर्देश दिये ताकि सही समय पर कोरोना संक्रमितों का पता चल सके और संक्रमण दूसरों में फैलने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में विशेष एहतियात बरतने और वहां लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा में 25 कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के ठीक होने के बाद अभी भी एहतियात के तौर पर 6,000 लोग घर में ही पृथक रखे गये हैं।
गहलोत ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों एवं अधिकारियों से चर्चा के दौरान अधिक से अधिक संख्या में पृथक केंद्र तैयार करने के निर्देश दिए। पृथकवास में रखे गये लोगों की देखरेख करना राज्य सरकार का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में लोगों को पृथक करने से बचें क्योंकि वहां संक्रमित पाए गये मरीजों के इलाज के लिये जगह रखना जरूरी है।
गहलोत ने जिलाधिकारियों से कहा कि जिलों में अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें कार्य सौंपे।
उन्होंने कहा कि अन्य जिलों में भी जहां संक्रमित मरीज मिले हैं, वहां के जिलाधिकारी इस महामारी को गंभीरता से लें और हर घर का सर्वेक्षण सुनिश्चित करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में शनिवार शाम तक करीब 25,000 परीक्षण किए गए हैं और कोरोना वायरस की जांच के मामले में महाराष्ट्र के बाद राजस्थान दूसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे जांच की संख्या बढ़ेगी संक्रमितों की संख्या भी बढ़ सकती है ऐसे में हमें संभावित स्थिति के लिए पहले से ही तैयार रहना होगा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान भीलवाड़ा के जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में सामुदायिक स्तर पर सं