नयी दिल्ली, 16 अप्रैल कोरोना संक्रमण को रोकने में मददगार साबित हो रही त्वरित परीक्षण (रेपिड टेस्टिंग) किट की चीन से भारत में आपूर्ति गुरुवार को शुरू हो गयी।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. रमन आर गंगाखेड़कर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत को चीन से पांच लाख किट मिल गयी हैं। उन्होंने बताया कि दो किस्म की इन किट का इस्तेमाल सभी मरीजों में संक्रमण की पुष्टि के लिये नहीं किया जायेगा, क्योंकि यह किट कम से कम 14 दिन पुराने संक्रमित मरीज में एंटीबॉडी की पहचान करती है, इसलिये इसका इस्तेमाल, चिन्हित किये गये हॉटस्पॉट क्षेत्रों में संक्रमण की निगरानी करने के लिये किया जाता है।
डा. गंगाखेड़कर ने बताया कि दो किस्म की पांच लाख रेपिड टेस्टिंग किट की चीन से आपूर्ति हुयी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये ‘सेरोलॉजिक किट’ हैं जो शरीर में वायरस की प्रतिरोधी ‘एंटीबॉडी’ की मौजूदगी का पता लगाती है, और एंटीबॉडी का शरीर में संक्रमण के कुछ दिन बाद बनना शुरु होता है। इसलिये इस किट का इस्तेमाल संक्रमण का तत्काल पता लगाने के लिये नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि इन किट का इस्तेमाल हॉटस्पॉट इलाकों के उन लोगों पर किया जा सकेगा जो संक्रमण के पुख्ता लक्षणों के उभरने के बाद अस्पताल में परीक्षण के लिये आते हैं। डा. गंगाखेड़कर ने यह भी कहा कि रेपिड किट का किफायती इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिये इस किट से संक्रमण के लक्षणों वाले संभावित मरीजों के समूह का भी परीक्षण किया जा सकता है।
देश में कोरोना संक्रमण के परीक्षण हेतु संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता का जिक्र करते हुये डा. गंगाखेड़कर ने कहा, ‘‘हाल ही में आईसीएमआर ने देश में छह सप्ताह तक परीक्षण सुविधाओं का भंडार सुरक्षित होने की बात कही थी। अब यह क्षमता बढ़कर आठ सप्ताह हो गयी है। इसलिये कोविड-19 की परीक्षण क्षमता को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि देश में अब तक 2,90,401 कोविड-19 परीक्षण किये जा चुके हैं। इनमें पिछले 24 घंटों में हुई 30,043 परीक्षण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इनमें 26331 परीक्षण आईसीएमआर की 176 प्रयोगशालाओं में किये गये, जबकि 3712 परीक्षण, निजी क्षेत्र की 78 प्रयोगशालाओं में किये गये। निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं में देशव्यापी स्तर पर मौजूद 16 हजार नमूना संकलन केन्द्रों से एकत्र किये गये सेंपल के परीक्षण किये गये।
देश में कोरोना परीक्षण की क्षमता के बारे में डा. गंगाखेड़कर ने कहा कि अभी आईसीएमआर की 176 प्रयोगशालाओं में नौ घंटे की एक पाली (शिफ्ट) में 42,418 परीक्षण प्रतिदिन करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर प्रयोगशालाओं में दो पाली में काम शुरु करने की क्षमता है, इस लिहाज से प्रतिदिन 78,227 परीक्षण हो सकेंगे।
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