राजौरी, पांच मई जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार को आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए और मेजर रैंक के एक अधिकारी घायल हो गए।
पिछले महीने पुंछ जिले के भाटा धुरियान में सेना के ट्रक पर घात लगाकर किए गए हमले में शामिल आतंकवादियों के एक समूह की उपस्थिति के बारे में जानकारी मिलने के बाद अभियान शुरू किया गया था, जो अब भी जारी है। पिछले महीने हुए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे।
शुक्रवार के हमले से पहले, पुंछ और राजौरी के दो सीमावर्ती जिलों में अक्टूबर 2021 के बाद से सात बड़ी आतंकवादी घटनाएं हुई हो चुकी हैं, जिसमें 22 सैन्यकर्मियों सहित 29 लोगों की मौत हुई है।
आतंकवाद रोधी अभियान जारी होने के चलते राजौरी क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
सेना की उत्तरी कमान की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि उसके जवान ‘‘पिछले महीने जम्मू क्षेत्र के भाटा धुरियां के तोता गली इलाके में सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला करने वाले आतंकवादियों के एक समूह के खात्मे के लिए लगातार खुफिया सूचना आधारित अभियान चला रहे हैं।”
बयान में कहा गया, ‘‘राजौरी सेक्टर में कांडी वन में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशिष्ट सूचना के आधार पर तीन मई को संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े सात बजे तलाशी दल ने एक गुफा में छिपे आतंकवादियों के एक समूह को घेरा। चट्टानों और खड़े पर्वतीय क्षेत्रों से घिरा यह इलाका बेहद घना जंगली क्षेत्र है।’’
बयान के अनुसार, इस दौरान आतंकवादियों ने विस्फोट कर दिया।
सुबह में, विशेष बल से संबंधित सेना के दो जवान शहीद हो गए और मेजर सहित चार सैन्यकर्मी घायल हो गए। बाद में उधमपुर के एक अस्पताल में तीन सैन्यकर्मियों की मौत हो गई।
सेना के बयान में कहा गया है, “आतंकवादियों के भी हताहत होने की संभावना है और अभियान जारी है।”
शहीद सैनिकों में उत्तराखंड के गैरसैंण के लांस नायक रुचिन सिंह रावत, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के ‘पैराट्रूपर’ सिद्धांत छेत्री, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नायक अरविंद कुमार, जम्मू के हवलदार नीलम सिंह और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के ‘पैराट्रूपर’ प्रमोद नेगी शामिल हैं।
सेना ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा बल पिछले 15 दिन से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान में लगे हुए हैं। 20 अप्रैल को भट्टा धुरियान में सेना के वाहन पर हमले के बाद यह अभियान शुरू हुआ था, जिसमें पांच सैनिक शहीद हो गए थे और एक अन्य घायल हो गया था।
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