देश की खबरें | सबसे पहले हम भारतीय, उसके बाद ही हमारी कोई अन्य पहचान : मिश्र

जयपुर, 16 दिसंबर राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि हम सबसे पहले भारतीय हैं। सबसे पहले हमारा संविधान है और उसके बाद हमारी कोई व्यक्तिगत पहचान है, यह बात हम सभी को याद रखनी चाहिए।

मिश्र बृहस्पतिवार को बिड़ला सभागार में डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे।

मिश्र ने बॉम्बे विधानसभा में वर्ष 1938 में दिए डॉ. अम्बेडकर के उस वक्तव्य का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि समस्त लोग पहले भारतीय हों, और अंततः भारतीय हों तथा भारतीय के सिवाय और कुछ भी नहीं हों।

राज्यपाल ने कहा कि कानून की शिक्षा पूरी तरह से समाज से सीधे तौर पर जुड़ी शिक्षा है। उन्होंने विधि विद्यार्थियों का आह्वान किया कि समाज में मौजूद असमानताओं, लैंगिक भेदभाव, यौन अपराधों को दूर करने तथा महिलाओं और वंचितों के अधिकारों के बारे में जागरूकता लाने के लिए कार्य करें।

मिश्र ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं तो मूलभूत कर्तव्य भी प्रदान किए हैं। उनके प्रति हम सभी को सजग रहने की जरूरत है। इसी दिशा में प्रदेश के विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क की स्थापना की पहल की है ताकि नई पीढ़ी संविधान की उदात्त दृष्टि और आदर्शों से जुड़ सके।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना, मूल कर्तव्यों और इसके मूलभूत तत्वों की समझ आमजन मे विकसित हो जाए तो गरीबी-अमीरी, वर्गभेद सहित देश की कई समस्याएं स्वतः ही दूर होने लगेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद कम समय में ही इसे बार काउंसिल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता और भारतीय विश्वविद्यालय संघ की सदस्यता मिल गई है, जो सराहनीय है ।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)