मुंबई, चार अक्टूबर मुंबई में 44 वर्षीय एक वित्तीय सेवा विशेषज्ञ से उसके खिलाफ चल रहे एक आपराधिक मामले को रद्द कराने और शराब का लाइसेंस दिलवाने में मदद करने का वादा कर पांच लोगों ने कथित तौर पर करीब दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें पिस्तौल दिखाकर धमकी दी थी कि अगर वह अपने रुपये वापस मांगता है तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा। पीड़ित के मुताबिक, आरोपियों ने बताया था कि वह कई प्रभावशाली लोगों को भी जानते हैं।
अधिकारी ने बताया कि मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता मध्य मुंबई में माटुंगा थाने पहुंचा। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने कोरोनावायरस महामारी के दौरान एक पृथकवास केंद्र में मामले में आरोपियों में से एक के साथ कुछ दिन बिताये थे।
पुलिस के मुताबिक, माटुंगा के निवासी शिकायतकर्ता एरिक अंकलेसरिया ने बताया कि एक आपराधिक मामले के संबंध में दिसंबर 2020 में उसे नवी मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान खारघर में एक पृथकवास केंद्र में उसकी मुलाकात अली रजा शेख (27) नाम के व्यक्ति से हुई थी।
शिकायत के मुताबिक, शेख ने सितंबर 2021 में अंकलेसरिया को यह कहकर मिलने के लिए बुलाया कि वह उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने में उसकी मदद कर सकता है।
शिकायत में बताया गया कि आरोपी ने प्राथमिकी रद्द कराने और शराब का लाइसेंस दिलवाने के लिए पीड़ित से कुल 1.98 करोड़ रुपये ले लिए।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, अगले दो साल में न तो मामला रद्द हुआ और न ही उसे शराब का लाइसेंस मिला।
शिकायतकर्ता ने बताया कि इसके बाद उसने मंगलवार रात को माटुंगा थाने में शेख और चार अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस के मुताबिक, पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 406 (आपराधिक विश्वास उल्लंघन), 420 (धोखाधड़ी) और 506-2 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच की जा रही है।
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