सूडान की सेना के खिलाफ आरएसएफ का यह नवीनतम हमला था, जो क्षेत्र में सेना से लगातार कई असफलताओं का सामना करने के बाद हुआ था।
डेढ़ साल से अधिक समय से जारी इस युद्ध ने इस अफ्रीकी देश को तबाह कर दिया है, इसकी आबादी का एक बड़ा हिस्सा विस्थापित हो गया है।
संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को एक बयान में कहा कि आरएसएफ के लड़ाकों ने 20-25 अक्टूबर को गेजिरा प्रांत के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों के गांवों और कस्बों में उत्पात मचाया, नागरिकों पर गोलीबारी की और महिलाओं एवं लड़कियों के यौन उत्पीड़न किए। उन्होंने बाजारों सहित निजी और सार्वजनिक संपत्तियों में भी लूटपाट की।
सूडान में संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता समन्वयक क्लेमेंटाइन एनक्वेटा-सलामी ने शनिवार को एक बयान में कहा, ये जघन्य अपराध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाएं और बच्चे उस संघर्ष का खामियाजा भुगत रहे हैं जिसने पहले ही बहुत से लोगों की जान ले ली है।’’
उन्होंने कहा कि ये हमले 2000 के दशक के आरंभ में दारफुर नरसंहार के दौरान हुई भयावह घटनाओं से मिलते-जुलते हैं, जिनमें बलात्कार, यौन उत्पीड़न एवं सामूहिक हत्याएं शामिल हैं।
सूडानी ‘डॉक्टर्स यूनियन’ ने एक बयान में कहा कि सरिहा शहर में कम से कम 124 लोग मारे गए और 200 अन्य घायल हुए।
इसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आरएसएफ पर दबाव डालने का आह्वान किया।
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