नयी दिल्ली, 8 जून: वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोस्टारिका के एक प्राणीउद्यान में एक मगरमच्छ अपने नर साथी के साथ संबंध बनाये बगैर गर्भवती हुई. उन्होंने बताया कि मगरमच्छ ने एक भ्रूण को जन्म दिया, जो आनुवंशिक रूप से 99.9 प्रतिशत उसके समान है.
वर्जीनिया पोलीटेक्निक इंस्टीट्यूट एंड स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों की टीम ने उल्लेख किया कि उनके अध्ययन का नतीजा, मगरमच्छ प्रजाति के प्रजनन के दुर्लभ तरीके का पहला दस्तावेजी साक्ष्य है. विशालकाय हाथी को हल्के में लेना गैंडे को पड़ा भारी, गजराज ने पटक-पटक कर सिखाया सबक (Watch Viral Video)
पिछले दो दशकों में, प्राणीउद्यान विशेषज्ञों ने अस्थि वाले प्राणियों के प्रजनन के उन तरीकों का दस्तावेजीकरण किया है जिनमें मादा, अपने नर साथी से संबंध बनाये बगैर अंडे देती है. शोधार्थियों ने कहा कि पक्षी, छिपकली और सांप जैसे सरीसृप तथा कुछ मछलियां इस अनूठे तरीके से प्रजनन करती पाई गईं.
यह अध्ययन हाल में ‘बायोलॉजी लेटर्स’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जो मादा मगरमच्छ में, नर मगरमच्छ से सहयोग के बगैर प्रजनन करने की क्षमता को प्रदर्शित करता है. ताजा अध्ययन 16 साल तक निगरानी में रखे गये एक मादा मगरमच्छ के 2018 में किये गये अवलोकन पर आधारित है, जिसने 14 अंडे दिये थे, जिसमें एक पूरी तरह विकसित लेकिन मृत भ्रूण था.
मगरमच्छ की प्रजाति में प्रजनन के इस दुर्लभ तरीके ने वैज्ञानिकों की इसमें रूचि बढ़ाई है क्योंकि इन जीवों में ‘सेक्स क्रोमोजोम’ का अभाव है और उनका लिंग निर्धारण तापमान से नियंत्रित होता है, जिसमें अंडे विकसित होते हैं. वैज्ञानिकों ने कहा कि यह चीज इन जीवों में उनके पूर्वजों से आई होगी. इसलिए, डायनासोर भी स्व-प्रजनन करने में सक्षम रहे होंगे.
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