सीकर, 30 नवंबर सीकर की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को एक व्यक्ति को अपनी 19 वर्षीय बेटी और उसके प्रेमी की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई तथा अपराध में शामिल होने के जुर्म में नौ अन्य को आजीवन कारावास का दंड दिया।
इसके अलावा, अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रताप बेनीवाल की अदालत ने एक अन्य दोषी को भी तीन साल कैद की सजा सुनाई, जबकि तीन आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) गोपाल सिंह बिजारनिया ने बताया कि अक्टूबर 2019 में रामगोपाल ने अपनी बेटी को उसके प्रेमी से फोन पर बात करते हुए पकड़ लिया और उसकी बुरी तरह से पिटाई की।
बिजारनिया ने बताया कि इसके बाद रामगोपाल ने अपनी बेटी के प्रेमी को पेट्रोल पंप के पास बुलाया, उसका अपहरण किया, दोनों की पीट-पीटकर हत्या कर दी और दोनों शवों को पहाड़ी इलाके में फेंक दिया।
उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से 69 गवाह और 270 दस्तावेज पेश किए गए जबकि घटना का सीसीटीवी फुटेज अदालत ने देखा जिसमें दोषी 19 वर्षीय युवती और उसके प्रेमी की पिटाई करते हुए नजर आ रहा था।
अदालत ने महिला के पिता को मौत की सजा सुनाई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक ने कहा कि नौ अन्य - महादेव, परसराम चोपड़ा, महेंद्र चौधरी, नंदलाल, बीरबल ढाका, सोहनलाल, मदनलाल चांदीवाल, बाबूलाल और संदीप गुर्जर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि नौ दोषियों को अपनी अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा।
वकील ने बताया कि राजेश चौधरी को तीन साल की सजा सुनाई गई है, जबकि महेंद्र चोपड़ा, महेंद्र गुर्जर और छोटू राम उर्फ छोटू को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है।
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