नयी दिल्ली, 14 अप्रैल इजराइल पर ईरान द्वारा ड्रोन और मिसाइल हमला किये जाने के बाद भारत ने रविवार को कहा कि वह दोनों देशों के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर अत्यंत चिंतित है और हमले से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा है।
ईरान ने एक अप्रैल को दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजराइली हवाई हमले में दो जनरल सहित ईरान के ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के सात कर्मियों के मारे जाने की घटना के जवाब में शनिवार देर रात इजराइल पर सैंकड़ों ड्रोन और मिसाइल दागीं।
भारत ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए तत्काल तनाव कम करने की अपील की। भारत ने कहा कि क्षेत्र में उसके दूतावास भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से अत्यंत चिंतित हैं। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है।’’
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘हम तनाव को तत्काल कम किये जाने, संयम बरतने, हिंसा से दूर रहने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह करते हैं।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हालात पर करीब से नजर रखे हुए है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। यह जरूरी है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे।’’
ईरान की सेना ने शनिवार को होर्मुज जलडमरूमध्य के पास इजराइल से जुड़े एक मालवाहक जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था। जहाज पर चालक दल के 17 भारतीय सदस्य सवार थे। पुर्तगाली झंडे वाले जहाज ‘एमएससी एरीज़’ पर सवार भारतीयों की रिहायी सुनिश्चित करने के लिए भारत ईरान के संपर्क में है।
ईरान के हमले के बाद इजराइली सेना ने कहा कि उसने और उसके सहयोगियों ने ईरान द्वारा दागे गए 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों में से अधिकांश को बीच में ही नष्ट कर दिया।
बाइडन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से शनिवार को फोन पर बात की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने लगभग सभी ड्रोन और मिसाइल को मार गिराने में इजराइल की मदद की। तैनाती और हमारे सैनिकों की दक्षता के कारण हम लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में इजराइल की मदद कर पाए।’’
बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने अभी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की और इजराइल को अमेरिका के मजबूत समर्थन को दोहराया। मेरी टीम पूरे क्षेत्र में अपने समकक्षों के साथ बातचीत करेगी और हम इजराइल के नेता के साथ संपर्क में रहेंगे। हालांकि हमने आज अपनी सेनाओं या प्रतिष्ठानों पर हमले नहीं देखे हैं, लेकिन हम सभी खतरों के प्रति सतर्क रहेंगे और हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।’’
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