मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) का बेटा ऋषिकेश देशमुख धन शोधन मामले में सक्रिय भागीदार था और गलत तरीके से प्राप्त पैसों को दान/चंदे से मिला सफेद धन दिखाने में अपेन पिता की मदद की है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सोमवार को एक विशेष अदालत के में यह दावा किया. धन शोधन मामलों की जांच करने वाली केन्द्रीय एजेंसी ने धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) के मामले की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में ऋषिकेश देशमुख की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह हलफनामा दाखिल किया है. विशेष अदालत अग्रिम जमानत की याचिका पर चार दिसंबर को सुनवाई करेगी.
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने कहा, ‘‘आवेदक (ऋषिकेश देशमुख) धन शोधन के अपराध की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार थे। आवेदक ने गलत तरीके से प्राप्त धन को कंपनियों के जटिल जाल में शोधित करने में अपने पिता अनिल देशमुख की मदद की.’’ एजेंसी ने कहा कि अगर ऋषिकेश देशमुख को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया गया तो संभव है कि वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करें या भी अपराध की प्रक्रिया के साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास करें. यह भी पढ़ें: Extortion case: ईडी के सामने पेश होने से पहले अनिल देशमुख का ट्वीट, लिखा-‘सत्यमेव जयते’
ईडी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पूर्व गृह मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के नियंत्रण में 11 कंपनियां थीं। हलफनामे के अनुसार, ‘‘इनमें से ज्यादातर कंपनियों में आवेदक (ऋषिकेश देशमुख) या तो कंपनी के निदेशक है या उसके शेयरहोल्डर (साझेदार) हैं.’’
उसमें कहा गया है कि ऋषिकेश देशमुख ने अपने पिता के साथ मिलकर सेवा से बर्खाश्त पुलिस अधिकारी सचिव वाजे के माध्यम से विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त करके हवाला के जरिए अपने सहयोगियों को भेजा. बाद में वह पैसा सहयोगियों ने दान राशि के रूप में देशमुख परिवार द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट को दे दी.
ईडी ने कहा, ‘‘दिल्ली स्थित मुखौटा (शेल) कंपनियों की मदद से आवेदक (ऋषिकेश देशमुख) ने गलत तरीके से प्राप्त धन का शोधन करने और उसे दान राशि के रूप में सफेद धन दिखाने में अपने पिता अनिल देशमुख की मदद की.’’
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