भारत पेट्रोलियम के निजीकरण के बाद भी LPG ग्राहकों को मिलती रहेगी सब्सिडी, बनेगी अलग इकाई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण के बाद भी उसके 7.3 करोड़ घरेलू रसोई गैस ग्राहकों को सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा। कंपनी के एलपीजी कारोबार के लिये एक अलग रणनीतिक कारोबारी इकाई (एसबीयू) बनाने की योजना है। बीपीसीएल के नये मालिक को अधिग्रहण के तीन साल बाद ही कंपनी के एलपीजी कारोबार को अपने पास बनाये रखने अथवा बेचने का अधिकार होगा। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Photo Credit-Twitter)

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के निजीकरण के बाद भी उसके 7.3 करोड़ घरेलू रसोई गैस ग्राहकों को सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा. कंपनी के एलपीजी (LPG)  कारोबार के लिये एक अलग रणनीतिक कारोबारी इकाई (SBU) बनाने की योजना है.  बीपीसीएल के नये मालिक को अधिग्रहण के तीन साल बाद ही कंपनी के एलपीजी कारोबार को अपने पास बनाये रखने अथवा बेचने का अधिकार होगा। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

अधिकारी ने कहा कि तीन साल बाद भी यदि बीपीसीएल का नया मालिक एलपीजी कारोबार को कंपनी में ही बनाए रखना चाहेगा तो उसके बाद भी ग्राहकों को सरकारी सब्सिडी मिलती रहेगी। यदि नया मालिक एलपीजी कारोबार को रखने से मना करता है तो तीन साल बाद उसके एलपीजी ग्राहकों को अन्य दो सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल कारपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. यह भी पढ़े | ITR Filing Tips: आईटी रिटर्न 2019-20 दाखिल करने से पहले गांठ बांध लें ये जरुरी बातें.

अधिकारी ने कहा कि सरकार कंपनी के 7.3 करोड़ ग्राहकों को निजीकरण के बाद भी सब्सिडी जारी रखेगी। लेकिन किसी निजी कंपनी को सरकारी सब्सिडी देने में हितों के टकराव के चलते एलपीजी कारोबार को एक अलग एसबीयू के तहत रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि एसबीयू अलग से खातों का विवरण रखेगी। साथ ही उसे कितनी सब्सिडी मिली और डिजिटल तरीके से उसने कितने ग्राहकों को सब्सिडी भेजी इसका भी ब्यौरा उसे रखना होगा। कोष की हेरा-फेरी नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए एसबीयू खातों का ऑडिट भी कराया जाएगा.

निजीकरण के बाद भारत पेट्रोलियम को सब्सिडी देने का यह मतलब नहीं होगा कि अन्य निजी एलपीजी वितरकों को भी सब्सिडी दी जाएगी. अधिकारी ने कहा, ‘‘ भारत पेट्रोलियम एक पुरानी कंपनी है और इस तरह रातोंरात उसके ग्राहकों की सब्सिडी को खत्म नहीं किया जा सकता.’’

उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम से सरकार के निकलने के बाद भी नई कंपनी पर तीन साल तक पाबंदी रहेगी.

कंपनी की नयी मालिक किसी परिसंपत्ति को बेच या हस्तांतरित नहीं कर सकेगी। तीन साल बाद उसके पास एलपीजी कारोबार को रखने या बेचने का अधिकार होगा. सरकार साल में 12 रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी सिलेंडर) सब्सिडी पर उपलब्ध कराती है। इस महीने प्रत्येक सिलेंडर पर 50 रुपये की सब्सिडी दी जानी है। इसे सीधे ग्राहकों के खाते में पहुंचा दिया जाएगा.

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