नयी दिल्ली, तीन नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस को निर्देश दिया कि वह मार्च में प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की घटना के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने इसके साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज द्वारा दायर जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया। याचिका में भारद्वाज ने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ पर टिप्पणी को लेकर 30 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री आवास के सामने हुए प्रदर्शन की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का अनुरोध किया था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से कहा कि अर्जी में की गई शिकायतों को दिल्ली पुलिस ने अदालत के समक्ष जमा विभिन्न स्थिति रिपोर्ट में दूर करने का प्रयास किया।
अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि स्थिति रिपोर्ट में मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उल्लेखित कदमों को लागू किया जाए।
पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा रिट याचिका में और आदेश पारित करने की जरूरत नहीं है। इसलिए याचिका निस्तारित की जाती है।’’
इससे पहले दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत को सूचित किया कि मुख्यमंत्री आवास के दोनों ओर मौजूद सड़क पर दो गेट लगाए जाएंगे और 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है व बाकी का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा।
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