हैदराबाद, 27 जनवरी इंग्लैंड ने ओली पोप (नाबाद 148 रन) के संयम से खेले गये शतक से शनिवार को यहां पहले टेस्ट के तीसरे दिन स्टंप तक दूसरी पारी में छह विकेट पर 316 रन बनाकर भारत की उन्हें जल्दी समेटने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
इंग्लैंड ने इस तरह भारत पर 126 रन की बढ़त हासिल कर मैच को रोमांचक स्थिति में पहुंचाने की ओर कदम बढ़ाये। हालांकि उसके बस चार विकेट बचे हैं।
पोप के साथ रेहान अहमद 16 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं।
भारत ने इग्लैंड के पहली पारी के 246 रन के जवाब में 436 रन बनाकर 190 रन की बढ़त हासिल की थी।
पोप ने यहां ‘आरजीआई स्टेडियम’ में गजब का संयम दिखाया और तकनीकी निपुर्णता से बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजों की सारी कोशिश नाकाम कर दीं जिन्हें उम्मीद थी कि वे तीसरे दिन ही इंग्लैंड की पारी खत्म कर देंगे जबकि इंग्लैंड ने 163 रन पर पांच विकेट गंवा दिये थे।
लेकिन पोप और बेन फोक्स (34 रन) ने छठे विकेट के लिए 104 रन की भागीदारी निभाकर भारतीय गेंदबाजों को निराश किया। इससे मैच चौथे दिन तक खिंच गया।
ऐसा नहीं था कि पोप ने स्पिनरों पर दबदबा बनाया हुआ था। वह कभी स्पिनरों तो कभी तेज गेंदबाजों की गेंदों से परेशान दिखे। जब वह 110 रन पर थे तो उन्हें जीवनदान भी मिला। रविंद्र जडेजा की गेंद पर रिवर्स स्वीप करने के प्रयास में वह बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर अक्षर पटेल के हाथों आउट होने से बचे।
एसेक्स के 26 वर्षीय पोप ने स्वीप और रिवर्स स्वीप से काफी रन जुटाये। उन्होंने इंग्लैंड की पारी संभालते हुए 156 गेंद में भारत के खिलाफ अपना पहला और करियर का पांचवां टेस्ट शतक पूरा किया।
पर श्रेय फोक्स को भी दिया जाना चाहिए जिन्होंने परिपक्वता से खेलते हुए दूसरे छोर से पोप का पूरा साथ निभाया। यह विकेटकीपर बल्लेबाज टीम में स्पिन को बखूबी खेलने वाला दूसरा बेहतरीन खिलाड़ी है जो स्पिनरों को उनके हाथों से पढ़ लेता है।
सर्रे के इस बल्लेबाज ने दोनों सत्र में 108 मिनट तक बल्लेबाजी की।
भारतीय गेंदबाजों को इंग्लैंड के दोनों बल्लेबाजों से इस तरह डटने की उम्मीद नहीं थी लेकिन वे इस भागीदारी को अंतिम सत्र में समाप्त करने में सफल रहे। बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल ने नीची गेंद पर फोक्स को बोल्ड किया।
लेकिन इससे पहले भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा दबदबा बनाया हुआ था। पिच पर स्पिनरों के लिए काफी टर्न और ‘ग्रिप’ मौजूद थी और साथ ही तेज गेंदबाजों के लिए ‘रिवर्स स्विंग’ का भी संकेत दिखा लेकिन उन्होंने अपने कौशल से मुफीद परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाया।
जसप्रीत बुमराह ने बेन डकेट (52 गेंद में 47 रन) को लेंथ गेंद से आउट करने में सफलता हासिल की और फिर नीची रहती गेंद से जो रूट (02) को पवेलियन का रास्ता दिखाया।
रूट ने पगबाधा के फैसले को बदलने के लिए डीआरएस भी लिया लेकिन यह सफल नहीं हो सका।
जडेजा ने लंच के बाद सत्र में जॉनी बेयरस्टो (10) को आउट किया। बेयरस्टो ने पहले तो बाहर जाती गेंद को छोड़ दिया लेकिन अगली स्ट्रेट गेंद पर पगबाधा आउट हो गये।
वहीं अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 12वीं दफा इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स का विकेट लिया। लगातार तीन ओवर मेडन जाने के बाद बायें हाथ के बल्लेबाज ने दबाव कम करने के प्रयास में आगे बढ़कर खेलने का फैसला किया लेकिन गेंद उनके बल्ले से निकलकर स्टंप उखाड़ गयी। यह दिन का सर्वश्रेष्ठ पल रहा।
दूसरी पारी शुरू करने में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट और जैक क्राउली (31) ने भारत के बड़ी बढ़त हासिल करने के बावजूद कोई अफरातफरी नहीं दिखायी और संयम से भारतीय स्पिनरों का सामना करने के लिए स्वीप और रिवर्स स्वीप की रणनीति जारी रखी।
क्राउली ने इस दौरान साइटस्क्रीन पर एक छक्का भी जड़ा।
भारत को हालांकि पहले विकेट के लिए ज्यादा इतंजार नहीं करना पड़ा।
अश्विन ने राउंड द विकेट गेंदबाजी करते हुए क्राउली को पहली स्लिप में खड़े रोहित शर्मा के हाथों आसान कैच आउट कराया।
इससे पहले सुबह भारत देर तक बल्लेबाजी नहीं कर सका और 54 मिनट में ही बचे हुए तीन विकेट गिर गये।
जडेजा की निगाहें चौथा टेस्ट शतक लगाने पर लगी थीं लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके और जो रूट की गेंद पर पगबाधा आउट हुए।
ऑफ स्टंप गेंद को डिफेंड करने के प्रयास में जडेजा फ्रंटफुट पर आ गये लेकिन गेंद ने काफी टर्न लिया और उनके पैड पर लगी। अंपायर क्रिस गाफने ने ऊंगली उठा दी और जडेजा ने रिव्यू लिया जिससे भी स्पष्ट नहीं हुआ तो तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखा।
अगली ही गेंद पर रूट ने जसप्रीत बुमराह को आउट कर दिया। जिसके बाद रेहान अहमद ने अक्षर को क्लीन बोल्ड कर दिया। इससे भारत ने एक भी रन जोड़े अंतिम तीन विकेट गंवा दिये।
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