देश की खबरें | एसएफआई वेबिनार में रणनीतियों और तकनीकों को विकसित करने पर पर जोर
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 22 नवंबर भारतीय तैराकी संघ (एसएफआई) ने तैराकों और उनके माता-पिता और फिर कोचों के साथ रविवार को दो अलग-अलग वेबिनार का आयोजन किया जिसमें जीत की मानसिकता बनाने के साथ प्रशिक्षण रणनीतियों एवं तकनीक विकसित करने पर जोर दिया गया।

गृह मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से प्रतिस्पर्धी प्रशिक्षण शुरू करने की अनुमति दी थी और चुनिंदा राज्यों में तैराकों ने गतिविधियों को फिर से शुरू किया और वे धीरे-धीरे खेल में वापसी कर रहे हैं।

यह भी पढ़े | Uttar Pradesh: सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैसला, सोनभद्र और मिर्जापुर में इको-टूरिज्म को देंगे बढ़ावा.

इस वेबिनार का संचालन ‘मोरगोल्ड स्पोर्ट्स’ के प्रबंध निदेशक वायने गोल्डस्मिथ ने किया।

वह तैराकी के विकास, युवा एथलीटों की सफलता के लिए कोचिंग के तरीके और जरूरी बदलाव के विषय पर प्रशिक्षकों की शिक्षा पर विश्व स्तर पर सबसे अधिक मांग वाले वक्ताओं में से एक हैं।

यह भी पढ़े | अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया, बेंगलुरु बॉरिंग और लेडी कर्जन मेडिकल कॉलेज अनुसंधान संस्थान का नाम.

पहले सत्र में तैराको और उनके माता-पिता ने भाग लिया जिसमें प्रतिस्पर्धी तैराकी और शिक्षा के बीच संतुलन बनाने के पहलुओं को शामिल किया गया।

तोक्यो ओलंपिक के लिए बी-क्वालीफिकेशन हासिल करने वाले भारतीय तैराक श्रीहरि नटराज ने कहा, ‘‘ मेरी माँ ने पूरे वेबिनार को अच्छे से सुना और मुझे प्रश्न और उत्तर सत्र के लिए तैयार किया गया था जहां मानसिक प्रशिक्षण, अध्ययन और तैराकी आदि पर कुछ बहुत ही दिलचस्प सवाल पूछे जा रहे थे।’’

एसएफआई के महासचिव मोनल चोकशी ने इस पहल के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘अभिभावक और कोच तैराकों के एलीट स्तर के खिलाड़ी बनने की यात्रा में विकास की कुंजी हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा इरादा उन्हें हमारे खेल की बेहतरी के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और अंतर्दृष्टि लाने का है। ’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)