कोलकाता, सात मई प्रख्यात बांग्ला वक्ता पार्थ घोष का शनिवार को हावड़ा शहर के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। परिजनों ने यह जानकारी दी।
पार्थ घोष के परिवार में अब बस उनका एक बेटा है। उनकी पत्नी एवं साथी वक्ता गौरी घोष ने पिछले साल 26 अगस्त को दुनिया को अलविदा कह दिया था।
परिजनों के मुताबिक, पार्थ घोष की हावड़ा के एक निजी अस्पताल में गले की सर्जरी हुई थी और शनिवार सुबह अचानक उन्होंने बेचैनी की शिकायत की।
परिजनों ने बताया कि पार्थ घोष को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें घातक दिल का दौरा पड़ा और चिकित्सकों की कोशिश के बावजूद वह बच नहीं पाए। उन्होंने सुबह 7.40 बजे अंतिम सांस ली।
गौरी घोष के साथ ‘कर्ण कुंती संगबाद’ में अपनी प्रस्तुतियों के जरिये दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले पार्थ घोष के पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं। उन्होंने ‘सोट्टी जाबे’, ‘छाय’ और ‘मां’ सहित अन्य प्रस्तुतियों के जरिये भी खासी लोकप्रियता अर्जित की थी।
वह वर्षों तक रेडियो पर बच्चों के एक लोकप्रिय कार्यक्रम के उद्घोषक रहे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ घोष के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनकी अनूठी प्रस्तुतियां श्रोताओं और कविता प्रेमियों द्वारा हमेशा याद की जाएंगी।
ममता ने ऑल इंडिया रेडियो, कोलकाता में उद्घोषक-प्रस्तुतकर्ता के रूप में पार्थ घोष के लंबे कार्यकाल को भी याद किया। बंगाल सरकार ने वर्ष 2018 में उन्हें ‘बंग भूषण’ सम्मान से नवाजा था।
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