बिजली: उत्पादक कंपनियों का वितरक कंपनियों पर फरवरी तक 92,693 करोड़ रुपये का बकाया
जमात

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल देश भर में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों की देनदारी फरवरी के अंत में कुल 92,693 करोड़ रुपये थी। यह बकाया पिछले साल इसी महीने के मुकाबले 31 प्रतिशत ज्यादा है।

यह स्थिति इस क्षेत्र में कंपनियों पर बढ़ते वित्तीयतनाव को दर्शाती है।

सरकारी वेब पोर्टल प्राप्ति (उत्पादकों के चालान में पारदर्शिता लाने के लिए बिजली खरीद में भुगतान सत्यापन और विश्लेषण) के मुताबिक फरवरी 2019 में डिस्कॉम पर बिजली उत्पादन कंपनियों का कुल 70,706 करोड़ रुपये बकाया था।

इस पोर्टल की शुरुआत बिजली खरीद फरोख्त में पारदर्शिता लाने के लिए मई 2018 में हुई थी।

इसके मुताबिक फरवरी 2020 के अंत में ₨60 दिन से अधिक समय से लंबित बकायों की कुल राशि 80,616 करोड़ रुपये थी, जो पिछले साल के इसी महीने में 53,703 करोड़ रुपये थी।

बिजली उत्पादन कंपनियां डिस्कॉम को बिल का भुगतान करने के लिए 60 दिनों का समय देती हैं। इसके बाद देनदारी बकाया राशि में बदल जाती है और इसमें ब्याज जुड़ने लगता है।

आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक बकाया राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के डिस्कॉम का है।

सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनियों में अकेले एनटीपीसी का डिस्कॉम पर 11,615.80 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिसके बाद एनएलसी इंडिया का 5,208.51 करोड़ रुपये, दामोदर घाटी निगम का 4,920.39 करोड़ रुपये और एनएचपीसी का 2,842.75 करोड़ रुपये बकाया हैं।

निजी बिजली उत्पादकों में सबसे अधिक 3,421.68 करोड़ रुपये आरकेएमपी (आरकेएम पॉवरजेन प्राइवेट लिमिटेड) का बकाया है। इसके बाद अदानी पावर और बजाज समूह की ललितपुर पावर जनरेशन कंपनी का स्थान है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)