नयी दिल्ली, एक जुलाई देश में बिजली खपत जून में सालाना आधार पर करीब नौ प्रतिशत बढ़कर 152.38 अरब यूनिट रही। भीषण गर्मी के कारण घरों और दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर जैसे उपकरणों का अत्यधिक इस्तेमाल इसकी मुख्य वजह रही।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 में बिजली की खपत 140.27 अरब यूनिट थी।
एक दिन में सर्वाधिक आपूर्ति (पूरी की गई अधिकतम मांग) भी जून 2024 में बढ़कर 245.41 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) हो गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 223.29 गीगावाट थी।
इस साल मई में बिजली की अधिकतम मांग सर्वकालिक उच्च स्तर 250.20 गीगावाट पर पहुंच गई। सितंबर 2023 में सर्वकालिक उच्च मांग 243.27 गीगावाट दर्ज की गई थी।
इस वर्ष की शुरुआत में विद्युत मंत्रालय ने मई महीने के लिए दिन के समय 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट की अधिकतम विद्युत मांग का अनुमान लगाया था। जून 2024 के लिए दिन के समय 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट की अधिकतम विद्युत मांग का अनुमान था।
मंत्रालय ने यह भी अनुमान लगाया है कि गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि देश के कई हिस्सों में मानसूनी बारिश के आगमन के कारण जून के दूसरे पखवाड़े में चिलचिलाती गर्मी और उमस ने लोगों को एयर कंडीशनर और डेजर्ट कूलर जैसे शीतलन उपकरणों का अत्यधिक उपयोग करने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने बताया कि इससे देश में बिजली की खपत बढ़ने के साथ-साथ बिजली की मांग में भी बढ़ी है।
विशेषज्ञों ने कहा कि आने वाले दिनों में अत्यधिक उमस के कारण एयर कंडीशनर का उपयोग जरूरी हो जाएगा, जिससे बिजली की मांग और खपत भी इसी स्तर पर बनी रहेगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले दो से तीन दिन में राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के शेष हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
सोमवार को जारी नवीनतम बुलेटिन के अनुसार अगले तीन दिन में मानसून के पूरे देश में पहुंच जाने की संभावना है।
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