जरुरी जानकारी | विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण ने हरित प्रमाणपत्राों के कारोबार पर 26 अगस्त तक के लिये रोक लगायी

नयी दिल्ली, दो अगस्त विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपटेल) ने नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की 29 जुलाई को होने वाले क्रय-विक्रय कारोबार-सत्र को चार सप्ताह के लिये टाल दिया है।

अपीलीय न्यायाधिकरण ने 24 जुलाई को दिये आदेश में नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों (आरईसी) हरित प्रमाणपत्रों की बिक्री के लिये 29 जुलाई, 2020 को होने वाले कारोबारी सत्र को चार सप्ताह 29 अगस्त तक के लिये टाल दिया।

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न्यायाधिकरण ने तीन अलग-अलग अपील पर यह आदेश दिया। ये अपील ग्रीन एनर्जी एसोसिएशन, इंडियन विंड पावर एसोसिएश्न (आईडब्ल्यूपीए) और टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग कंपनी लि. ने केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के आरईसी के न्यूनतम और अधिकतम मूल्य सीमा (फ्लोर एंड फोरबियरेंस प्राइस) निर्धारित किये जाने के आदेश को चुनौती देते हुए ये अपील दायर की हैं।

एपटेल के आदेश के अनुसार, ‘‘आरईसी का 29 जुलाई, 2020 को होने वाले कारोबार चार सप्ताह के लिये टाला जाता है। यह साफ किया जाता है कि अगर किसी आरईसी की वैधता चार सप्ताह में समाप्त होने जा रही है, उसकी मियाद संबंधित प्राधिकरण बढ़ाएंगे।’’

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जुलाई में आरईसी या हरित प्रमाणपत्रों का कोई कारोबार नहीं हुआ।

आरईसी का कारोबार दो बिजली बाजारों...इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) और पावर एक्सचेंज ऑफ इंडिया लि. (पीएक्सआईएल)...में हर महीने के अंतिम बुधवार को होता है।

नवीकरणीय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) के तहत बिजली वितरण कंपनियों, सीधे उत्पादकों से बिजली खरीद की सुविधा वाले ग्राहकों और निजी उपयोग के लिये बिजली खरीदने वाले थोक ग्रहकों को कुछ हरित प्रमाणपत्र खरीदने होते हैं। वे आरपीओ नियमों का पालन करने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों से प्रमाणपत्र खरीद सकते हैं।

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के निदेश्क (रणनीति एवं नियामक) राजेश कुमार मेदीरत्ता ने पीटीआई- से कहा, ‘‘सीईआरसी ने हाल में हरित प्रमाणपत्रों के न्यूनतम और अधिकतम मूल्य में संशोधन कर उसे समय-समय पर नवीकरणीय ऊर्जा नीलामी में निकले मूल्यों से जोड़ा है। हमारा मानना है कि जब नवीकरणीय ऊर्जा की दर कम हो रही है, ऐसे में यह कदम उपयुक्त है।’’

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