जयपुर, छह मई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कर्नाटक में 'बजरंग बली' का नाम लेकर चुनाव प्रचार किए जाने को लेकर उनपर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री मोदी के कर्नाटक में चुनाव प्रचार करने पर रोक लगानी चाहिए।
गहलोत ने यहां अपने निवास पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा,‘‘निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री मोदी जी पर चुनाव प्रचार (कैंपेन) करने पर रोक लगानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा,‘‘ यह मांग मैं ऐसे नहीं कर रहा हूं, आप कानून पढ़ लीजिए। अगर कोई चुनाव प्रचार में धर्म के नाम पर या धार्मिक आधार पर बात करता है तो उसके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगती है, उसका निर्वाचन खारिज हो सकता है।’’
गहलोत ने कहा,‘‘जो प्रधानमंत्री जी बोल रहे हैं, खुलकर बोल रहे हैं,वे छिपा भी नहीं रहे हैं, इशारा भी नहीं कर रहे हैं... उनके चुनाव प्रचार पर रोक लगनी चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया जिन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान राम मंदिर की बात की थी। गहलोत के अनुसार उस समय शेखावत के खिलाफ याचिका दायर की गई और उनकी विधानसभा सदस्यता के समाप्त होने का खतरा पैदा हो गया था।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को उत्तर कन्नड़ जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर ‘गाली देने की संस्कृति’ का आरोप लगाया और कर्नाटक के लोगों से अपील की कि वे जब 10 मई को मतदान केंद्रों पर मतदान करें तो ‘जय बजरंग बली’ बोल कर उसे सजा दें।
कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र के वादे के राजस्थान में असर के बारे में गहलोत ने कहा,‘‘ किसी भी नाम का कोई भी संगठन हो ... सवाल यह है कि उस संगठन की भूमिका क्या है। उसकी भूमिका के आधार पर सरकार कार्रवाई करती है। निर्भर करता है कि अमुक दल की मंशा क्या है।’’
इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि भाजपा कर्नाटक में ध्रुवीकरण करने में विफल रही है और लोगों के लिए महंगाई व बेरोजगारी बड़े मुद्दे हैं।
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